कुछ भारतीयों को यह देश क्यों नहीं पसंद आ रहा?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद में बताया कि साल 2021 में करीब 1.6 लाख भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी थी। साल 2020 में लगभग 85 हजार 256 लोगों ने नागरिकता छोड़ी थी। साल 2019 में करीब 1.4 लाख लोगों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी थी। भारत छोड़कर जाने वाले लोगों की पहली पसंद अमेरिका है। दूसरी पसंद कनाडा है। इसके अलावा लोग आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इटली, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, जर्मनी, नीदरलैंड और स्वीडन आदि देशों में भी जा रहे हैं। आखिर क्यों कुछ भारतीय देश की नागरिकता छोड़ रहे हैं? रोजगार की उचित व्यवस्था का न होना इसकी एक वजह मानी जा रही है।
कहा जा रहा है कि बिजनेस करने वालों को भी देश में अपने लायक माहौल की कमी खल रही है। रहन-सहन या कहें कि जीवनशैली भी उनके पलायन का एक कारण है। असल में धनी लोगों को अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया और इटली जैसे देशों में जीवन स्तर बेहतर दिखाई देता है। इसीलिए वे अपने और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक नए विकल्प के रूप में ऐसे देशों को चुन रहे हैं।
विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि भारत की शिक्षा व्यवस्था पलायन का एक बड़ा कारण है। भारत की शिक्षा व्यवस्था अभी उतनी अच्छी नहीं है, जितनी कि उन देशों में है, जहां भारतीय जाना ज्यादा पसंद करते हैं। अमेरिका में भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। 2020 के मुकाबले 2021 में इनकी संख्या 12 प्रतिशत बढ़ी। भविष्य में और भी बढ़ने का अनुमान है।
पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाले छात्रों में से करीब 70-80 प्रतिशत युवा वापस भारत नहीं लौटते। करियर और अच्छे भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए वे विदेश में ही बस जाते हैं। बहरहाल इन सभी समस्याओं का समाधान देश की सरकारों और नागरिकों को मिलकर ही ढूंढ़ना होगा। केवल अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए देश छोड़ना कतई सही नहीं है।
भारत को विकसित बनाने में देश की सरकारों के साथ-साथ नागरिकों की भी अहम भूमिका होती है। यदि हमारे देश की प्रतिभाएं बाहर चली जाएंगी तो फिर हमारा देश किसके बल पर विकास करेगा। इसलिए सरकारों को भी देश में युवाओं को उचित अवसर और अच्छी शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने का प्रयास करना चाहिए।
अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देना, नागरिकों को देश में भय रहित माहौल देना और उनके अच्छे जीवन एवं भविष्य के लिए अधिक से अधिक व्यवस्थाएं करना प्रत्येक सरकार की जिम्मेदारी है। नागरिकों को भी अपने दायित्व नहीं भूलने चाहिए। उन्हें निजी स्वार्थो को छोड़कर देश के बारे में सोचना चाहिए। हम सबके समुचित प्रयास से ही भारत फिर से अपना पुराना गौरव प्राप्त करने में सफल होगा।
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