सोनपुर मेले में कवियित्री अनामिका जैन को कविता पाठ करने से क्यों रोका गया ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

सोनपुर मेला के पर्यटन विभाग पंडाल के कला मंच पर शुक्रवार को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन आयोजित किया गया था. पर्यटन विभाग के मंच पर काव्यपाठ शुरू होता उससे पहले विवाद हो गया. आयोजकों ने चर्चित कवयित्री डॉ अनामिका अंबर जैन को काव्यपाठ करने से रोक दिया. जिससे सम्मेलन में शामिल होने आए अन्य कवियों ने दिनकर, रेणु की धरती पर देश के कवियों-साहित्यकारों का अपमान बताकर कार्यक्रम का ही बहिष्कार कर दिया. जिला प्रशासन ने आमंत्रित कवियों को उनका निर्धारित भुगतान कर वापस भेज दिया.

अनामिका ने दावा किया कि कवि सम्मेलन रद्द होने में कवियों का कोई हाथ नहीं है. उन्होंने कहा कि इसे सरकार के कहने पर प्रशासन ने रद्द किया है.”लगभग एक से डेढ़ महीने पहले आयोजकों ने मुझसे संपर्क किया था और इस कवि सम्मेलन में शामिल होने के लिए कहा था, जिसकी स्वीकृति मैंने दे दी थी. बिहार सरकार का प्रशासन इस कार्यक्रम को आयोजित करा रहा था. मैं शुक्रवार (25 नवंबर) की सुबह साढ़े दस बजे के आसपास पटना पहुंच गई थी. जब मैं वहां पर पहुंची तो प्रशासन की ओर से मुझे कहा गया कि अभी आप पटना में ही रुकी रहें, आपको आगे की परिस्थिति के बारे में सूचित किया जाएगा. फिर जानकारी दी गई कि मुझे कवि सम्मेलन में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जा रही है.”

एडीएम साहब ने कहा कि ऊपर से आदेश है कि अनामिका को कवि सम्मेलन में पहुंचने न दिया जाए. बतौर कलाकार मुझे यह बहुत ज्यादा अपमानजनक लगा क्योंकि सोनपुर का मेला ऐतिहासिक है और देशभर के कलाकार वहां पहुंचते हैं. क्या डर है बिहार सरकार को, यह वही जानते हैं लेकिन मैं दर्शकों को यही कहना चाहूंगी कि यह कवि सम्मेलन कवियों की वजह से नहीं, बिहार सरकार और प्रशासन की वजह से रद्द किया गया है. मुझे सबसे ज्यादा गुस्सा उस समय आया जब प्रशासन ने यह कहा कि कवियों के इस सम्मेलन में न पहुंचने की वजह से कार्यक्रम रद्द किया गया है जबकि प्रशासन ने ही मुझे उस सम्मेलन में आने से रोका था.”

बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान दो गाने वायरल हुए थे. ‘यूपी में का बा’ गाने के जवाब में अनामिका जैन अंबर ने ‘यूपी में बाबा’ गाना गया था. उनके गाने को खूब शेयर किया गया था.

अनामिका ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी लिखा, “बिहार सरकार इतना डर गई कि मुझे सोनपुर में प्रवेश तक नही करने दिया गया सुबह से पटना में ही रोका गया। कवियों की पूरी टीम सोनपुर गई और कार्यक्रम का बहिष्कार कर वापस लौटी।”

आखिर क्यों रुका कवि सम्मेलन

जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि पर्यटन विभाग के मंच पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था. कवियों को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. कवियों की टोली मंच पर विराजमान होने वाली ही थी कि आयोजकों की ओर से कार्यक्रम को कोऑडिनेट कर रहे संजीव मुकेश को एंकर ने बताया कि आदेश है कि अनामिका अंबर जैन को छोड़ बाकी कवि काव्यपाठ करेंगे. इससे सभी कवि गुस्सा गये. वहीं कायक्रम के संयोजक कवि संजीव मुकेश ने अपने आमंत्रण पर बुलाए अतिथि कवि को कविता पाठ से रोकने पर गहरा दुख व्यक्त किया और मंच पर न जाने के लिए खेद भी व्यक्त किया.

समर्थन में उतरी भाजपा: बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने अनामिका के समर्थन में ट्वीट किया, “रात दिन देश में आपातकाल का रोना रोने वाले ख़ुद कविताओं तक पर पाबंदी लगा रहे हैं। बिहार में कल कवियों को बुलाया गया पर बाद में सरकारी दबाव पर कविता पाठ करने से रोक दिया गया। सरकार ने ख़ुद फ़ोन करके कवि सम्मेलन पर बैन लगाया। कितने कमजोर होंगे वो लोग जो कविताओं से डर गए।”

भारतीय जनता पार्टी के नेता अभिषेक तिवारी ने ट्विटर पर लिखा, “कल सोनपुर मेले के मंच पर कवियत्री अनामिका अंबर जी को इसलिए नहीं जाने दिया गया क्योंकि आपने मोदी जी और योगी जी के समर्थन में कविताएं पढ़ी थी। बिहार प्रशासन ने ऐसा सरकार के कहने पर गया इसमें कोई शक नहीं है। अनामिका जी आपके साथ पूरा देश खड़ा है सबको सच मालूम है।”

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