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विनोद तावड़े को क्यों सौंपी गई बिहार की कमान ?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में सत्ता से बेदखल होने के बाद बीजेपी के निशाने पर है महागठबंधन की सरकार और लालू-नीतीश समीकरण. वजह बिलकुल साफ है 2024 का लोकसभा चुनाव और 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव. इन सब के बीच बीते दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  ने जिस अंदाज में विपक्षी एकजुटता का नारा देते हुए दिल्ली का दौरा किया था. उसके बाद बीजेपी ने आनन-फानन में संगठन में बड़ा बदलाव किया. जिनमें कई बड़े कद्दावर नेताओं को टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. जबकि कुछ नाम ऐसे भी थे जिस पर बीजेपी ने भरोसा जताया. उन्हीं नामों में से एक नाम विनोद तावड़े का है. जिसे बीजेपी ने बिहार का नया प्रभारी बनाया है.

राजनीतिक समीकरण अनुकूल नहीं

राजनीतिक जानकारों की मानें तो बिहार में सियासी उलटफेर होने के बाद बीजेपी के लिए समीकरण अनुकूल नहीं है. कहा जाता है कि लोकसभा का रास्ता बिहार और यूपी से होते हुए जाता है. ऐसे में 2024 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के लिए इस बार कुछ खास ही होने वाला है. अगर यूपी की सियासत की बात करें, तो वहां योगी आदित्यनाथ स्थिति को संभाल सकते हैं.

लेकिन बिहार में लालू-नीतीश समीकरण के आगे सारे सियासी समीकरण पस्त होते रहे हैं. जिसका नजारा बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में देखने को मिला था. बदले सियासी हालात में बिहार में कमल खिलाने और नीतीश-तेजस्वी यादव  की जोड़ी को नयी चुनौती पेश करने के लिए बीजेपी ने विनोद तावड़े को अहम जिम्मेवारी सौंपी है. इस अहम भूमिका में तांवड़े का साथ देने के लिए हरीश दिवेदी को बिहार बीजेपी का सह प्रभारी बनाया गया है.

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