Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
निर्भया कांड से क्यों कांप उठा था देश? - श्रीनारद मीडिया

निर्भया कांड से क्यों कांप उठा था देश?

निर्भया कांड से क्यों कांप उठा था देश?

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

सड़कों पर दिखा था महिलाओं-युवाओं का गुस्सा.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्‍क

आज की तारीख यानी 16 दिसंबर 2012 की उस काली रात को भला कौन नहीं जानता होगा, जिसने पूरे देश को हिला दिया था। दिल्ली के वसंत विहार में निर्भया के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की घटना की गूंज सड़क से लेकर संसद से तक सुनाई दी थी। आज इस घटना को पूरे नौ साल हो चुके हैं। लोगों के गुस्से और मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार किया था।

साल 2012 की बात है। दिल्ली में दिसंबर का महीना और घनघोर ठंड का दौर चल रहा था। इसी दौरान दिल्ली के मुनीरका में बस में एक लड़की (निर्भया लोगों के द्वारा दिया गया नाम) अपनी आबरू और जिंदगी को बचाने के लिए चीख रही थी। मामला यह था कि पैरामेडिकल की एक स्टूडेंट अपने मित्र के साथ बस का इंतजार कर रही थी। इसी बीच एक सफेद बस आकर उसे लिफ्ट देती है। इसके बाद जो हुआ उससे पूरा देश गुस्से से भर गया। चलती बस में उस लड़की की इज्जत से खेला गया। इतना ही नहीं उसके साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया। इसके कारण उसे विदेश में इलाज के लिए भी भेजा गया मगर अफसोस उसे बचाया नहीं जा सका।

बस से फेंक कर चले गए थे

इसके कारण उसके जीवन भर भी संकट आ गया। लड़की के मित्र को भी बस में सवार ड्राइवर और उसके साथियों ने जमकर मारा। कुछ देर बाद उसे बस से रास्ते में फेंक कर चलते बने। दरिंदों ने दुष्कर्म करने के बाद निर्वस्त्र हालत में चलती बस से उसे नीचे फेंक दिया था। जिंदगी और मौत से जूझने वाली लड़की को राहगीरों की मदद से पुलिस सहायता मिली जिसके बाद उसे अस्पताल पहुंचा गया।

कौन-कौन था इसमें शामिल

इस दुष्कर्म के मामले में विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, मुकेश सिंह और अक्षय कुमार सिंह शामिल थे। इसके अलावा एक शख्स जो नाबालिग था वह इस केस में कम उम्र के कारण सजा से बच गया था। वहीं एक अन्य शख्स ने केस के बीच में ही जेल में ही फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी।

क्या मिली थी निर्भया के गुनहगारों को सजा

निर्भया के गुनहगारों को दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी की सजा मिली थी। इससे पहले इन दोषियों को सजा दिलाने और महिला सुरक्षा पर सख्त कानून बनाने के लिए पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन का दौर चला था।

इनमें से चार दोषियों (मुकेश कुमार सिंह, अक्षय सिंह ठाकुर, विनय कुमार शर्मा और पवन कुमार गुप्ता) को कोर्ट के आदेश के अनुपालन में तिहाड़ जेल में 20 मार्च, 2020 को फांसी पर लटका दिया गया था। इस घटना के लोगों के मन में इतना अधिक विरोध था कि उन्होंने इंडिया गेट और राजपथ पर जमा होकर ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था।

अब आप सोच रहे होंगे बाकी के आरोपितों को क्या सजा मिली। इनमें से एक आरोपित नाबालिग था। जुवेनाइल कोर्ट ने उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया था। जबकि अन्य एक जिसको फांसी पर नहीं लटकाया गया था उसका नाम राम सिंह था। राम सिंह की मार्च 2013 में तिहाड़ जेल में संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि उसने फांसी लगाकर जान दे दी थी। छठां आरोपित जो नाबालिग निकला, वह आज भी जिंदा है।

उसे सुधार गृह में रखा गया था। बाद में रिहा कर दिया गया। वह देश के किसी हिस्से में गुमनाम जिंदगी जी रहा है। बता दें कि कानून के मुताबिक नाबालिग के खिलाफ ट्रायल नहीं चलाया जा सकता। जुवेनाइल कोर्ट की निगरानी में आरोपित को बेहतर इंसान बनने की शिक्षा दी जाती है।

बताया जाता है कि जब उसे बाल सुधार गृह से रिहा किया गया था तब उसे गांव में घुसने तक नहीं दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उसके मां-बाप ने भी उससे अपनाने से मना कर दिया। वह इस समय कहां है, किस हालात में है और क्या कर रहा है यह कोई नहीं जानता। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जाता रहा है कि वह दक्षिण भारत के किसी जगह पर कुक का काम करता है। इसमें कितनी सच्चाई है जागरण.काम इसकी पुष्टि नहीं करता।

बता दें कि सुधार गृह में उसकी सजा खत्म होने के बाद उस नाबालिग को नया नाम दिया गया था और उसकी पहचान बदल दी गई थी ताकि उसे कोई परेशानी न हो।

Leave a Reply

error: Content is protected !!