बिहार पुलिस ने अज्ञात मान जिस शव को दफनाया, उसे कब्र से निकाला गया क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में गोपालगंज के नेशनल हाइवे-27 के किनारे मिले जिस अधेड़ को गोपालगंज के मांझा थाने की पुलिस ने अज्ञात मानकर दफना दिया था, वह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के शिकारपुर थाने के हमीरपुर निवासी तपन कुमार नामक बस मालिक निकला. पूर्णिया से दिल्ली बस लेकर जाने के दौरान मुजफ्फरपुर के कांटी थाना इलाके में राजस्थानी पंजाबी ढाबे से 13 जून को लापता हुआ था.
मृत बस मालिक की पहचान होने के बाद मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मांझा पुलिस ने कब्र खोदवाकर शव को बाहर निकाला और तफ्तीश शुरू की. उधर, मुजफ्फरपुर के कांटी थाने की पुलिस ने बस मालिक की मौत के मामले की जांच के लिए परिजनों से कई जानकारियां लीं. परिजनों ने साजिश के तहत बस मालिक की हत्या कर बस व पैसा लूटने का आरोप लगाया है.
मृत बस मालिक के भाई निशांत कुमार ने पुलिस को बताया कि तपन सिंह ने चार ट्रकों को बेचकर एक वॉल्वो बस खरीदी थी. बस पूर्णिया से दिल्ली तक चल रही थी. घटना के दिन बस को ड्राइवर मुजफ्फरपुर के हथौड़ी थाने के भीत कोईया कल्याणपुर निवासी संतोष कुमार चल रहा था.
कांटी थाना इलाके में राजस्थानी पंजाबी ढाबे के पास खाने के लिए बस रुकी. वहां बस मालिक ने अपनी पत्नी से फोन पर बात की. उसके बाद से कोई ट्रेस नहीं मिला. बस गोरखपुर होती हुई दिल्ली तक पहुंच गयी.
उधर, परिजनों ने बस मालिक की खाेजबीन की. कहीं से कोई सुराग नहीं मिला, तो कांटी थाने में लापता होने और हत्या की आशंका जताते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी.
इधर, 14 जून को गोपालगंज के मांझा थाने के भड़कुइया में एनएच किनारे बस मालिक की लाश मिली. सिर में चोट और जगह-जगह जख्म के निशान मिले. पुलिस ने अज्ञात मानकर पोस्टमार्टम कराया और 72 घंटे बाद भी शिनाख्त नहीं होने पर शव को दफना दिया.
वहीं, मृतक के भाई ने दिल्ली से लेकर पूर्णिया तक बस मालिक तपन कुमार के लापता होने का पोस्टर चिपकाया. इसके जरिये मृतक की पहचान की गयी और परिजन गोपालगंज पहुंचे. डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी से पीड़ित परिजन मिले. इसके बाद मजिस्ट्रेट की टीम गठित कर कब्र से शव को बाहर निकाला गया और परिजनों को सौंपा गया.
परिजनों ने हत्या कर वॉल्वो बस को गायब करने का आरोप लगाया. इसके आधार पर पुलिस ने ड्राइवर संतोष कुमार, बोबी और हेल्पर संजय को हिरासत में लिया है. मुजफ्फरपुर की कांटी पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. मांझा थाने की पुलिस से भी सहयोग मांगा गया है.
मृतक के भाई ने बताया कि बस को दिल्ली में रखा गया है, जिसे तपन ने चार ट्रकों को बेचकर खरीदी थी. वहीं गोपालगंज के एसपी आनंद कुमार का कहना है कि पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. परिजनों से पूछताछ कर एक-एक बिंदु पर तफ्तीश चल रही है.
एक नजर में घटनाक्रम
- -13 जून को पूर्णिया से दिल्ली के लिए बस चली
- -14 जून को मांझा के भड़कुइया में लाश मिली थी
- -पोस्टमार्टम कराकर मांझा पुलिस ने अज्ञात माना
- -17 जून तक पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल की
- -शिनाख्त नहीं होने पर शव को दफना दिया गया
- -23 जून को मृतक के परिजन गोपालगंज में पहुंचे
- -बस मालिक के लापता होने का पोस्टर चिपकाया
- -बुलंदशहर के परिजनों ने मृतक की शिनाख्त की
- -डीएम की अनुशंसा पर मजिस्ट्रेट की एक टीम बनी
- -शव को कब्र से बाहर निकाला गया, तफ्तीश की गयी
- -27 जून को कांटी पुलिस जांच के लिए गोपालगंज पहुंची.
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