बिहार के गोपालगंज में बड़े होटल कारोबारी का बेटा क्यों हुआ गिरफ्तार

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लोगों को गलत वीजा पासपोर्ट के जरिए विदेश भेजने का आरोप है
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

 मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामले में एनआईए ने बिहार समेत देश के 6 राज्यों में छापेमारी कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. एनआईए की टीम ने गोपालगंज में छापेमारी कर मानव तस्करी के आरोप में होटल कारोबारी के बेटे को गिरफ्तार किया है. एनआईए की छापेमारी से हड़कंप मच गया है. गिरफ्तार सभी आरोपी थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से लाओस एसईजेड तक भारतीय युवाओं को अवैध रूप से सीमा पार करने की सुविधा प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से सक्रिय तस्करों के साथ काम कर रहे थे.

गोपालगंज के नगर थाना में करमैनी मुहब्बत के निवासी संजीत यादव ने केस दर्ज कराया है. संजीत ने प्रहलाद सिंह पर गलत वीजा के आधार पर कंबोडिया भेजकर 2 हजार डॉलर में पाकिस्तान के एजेंट के हाथों बेचने का आरोप लगाया है. मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर केस को एनआईए को सौंप दिया है.

मानव तस्करी से जुड़ा है मामला

दरअसल, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छह राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में संयुक्त रूप से कई स्थानों पर छापेमारी की. एनआईए की टीम ने साइबर अपराध से जुड़े मानव तस्करी के एक मामले में स्थानीय पुलिस के साथ अभियान चलाया गया, जिसमें पांच आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. बिहार के अलावा महाराष्ट्र, यूपी, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 15 स्थानों पर कार्रवाई के बाद वडोदरा के मनीष हिंगू, गोपालगंज के प्रह्लाद सिंह, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नबियालम रे, गुरुग्राम के बलवंत कटारिया और चंडीगढ़ के सरताज सिंह को गिरफ्तार किया गया है.

गलत वीजा पासपोर्ट का करता था व्यवस्था

गोपालगंज से एनआईए की टीम ने होटल संचालक केशव सिंह के बेटे प्रह्लाद सिंह को किया गिरफ्तार किया है. प्रह्लाद सिंह पर लोगों को गलत वीजा पासपोर्ट के जरिए विदेश भेजने का आरोप है. एनआईए की टीम ने सोमवार की देर रात गोपालगंज में की कर्रवाई की. प्रह्लाद थावे स्थित एमके इंटरनेशनल होटल के संचालक केशव सिंह का बेटा है. एनआईए को पता चला है कि आरोपी एक संगठित तस्करी सिंडिकेट में शामिल थे, जो रोजगार के झूठे वादे पर भारतीय युवाओं को लुभाने और विदेशों में तस्करी करने में लगे हुए थे.

एनआईए ने सभी स्थानों पर राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ एक समन्वित अभियान चलाया. तलाशी में दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण, हस्तलिखित रजिस्टर, कई पासपोर्ट, फर्जी विदेशी रोजगार पत्र आदि सहित कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई. विभिन्न राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पुलिस बलों द्वारा आठ नई एफआईआर दर्ज की गई हैं और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

एनआईए जांच से पता चला है कि आरोपी एक संगठित तस्करी सिंडिकेट में शामिल थे, जो कानूनी रोजगार के झूठे वादे पर भारतीय युवाओं को लुभाने और विदेशों में तस्करी करने में लगे हुए थे.

कैसे हुआ मामले का खुलासा

NIA की जांच के अनुसार मुख्य रूप से विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित और संचालित रैकेट के हिस्से के रूप में युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्रायंगल एसईजेड और कंबोडिया सहित अन्य स्थानों पर फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था. उन्हें ऑनलाइन अवैध गतिविधियां करने के लिए मजबूर किया गया,

जैसे क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, नकली एप्लिकेशन का उपयोग करके क्रिप्टो मुद्रा में निवेश, हनी ट्रैपिंग आदि. जांच से यह भी पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से लाओस एसईजेड तक भारतीय युवाओं को अवैध रूप से सीमा पार करने की सुविधा प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से सक्रिय तस्करों के साथ समन्वय कर रहे थे.

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