क्यों निहंगों के इस एक बड़े फैसले से फेल हो जाएगा किसान आंदोलन?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बार्डर (कुंडली बार्डर) पर पिछले सप्ताह पंजाब के युवक लखबीर सिंह की हत्या को प्रदर्शनकारी आपस में ही भिड़ गए हैं। युवक की बेरहमी से हत्या के रोज ही संयुक्त किसान मोर्चा ने अहम बैठक निहंगों से दूरी बनाने का एलान कर दिया था, जिसके बाद अब निहंगों और संयुक्त किसान मोर्चा में भिड़ंत के आसार बन गए हैं। निहंगों ने अब सिंघु बार्डर यानी धरनास्थल से पैर पीछे खींचने या फिर रुकने को लेकर आगामी 27 अक्टूबर को एक अहम महापंचायत बुलाई है। निहंगों इस महापंचायत को धार्मिक एकता नाम दिया गया है। महापंचायत में यह तय होगा तीनों कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शन में रहेंगे या फिर वापस पंजाब चले जाएंगे।
किसान संयुक्त मोर्चा के विरोधी बयानों पर आग बबूला हैं निहंग
गौरतलब है कि 15 अक्टूबर की सुबह जैसे ही दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या का खुलासा हुआ तो संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर निहंगों से दूरी बनाने की बात कही थी। घटनास्थल पर मौजूद एक निहंग समूह ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि यह घटना मृतक के सरबलोह ग्रांट के संबंध में बेअदबी करने की कोशिश के कारण हुई।
हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि हम इस भीषण हत्या की निंदा करते हैं और यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इस घटना के दोनों पक्षों, निहंग समूह और मृतक व्यक्ति का संयुक्त किसान मोर्चा से कोई संबंध नहीं है। मोर्चा किसी भी धार्मिक पाठ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ है, लेकिन यह किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं देता है।
हम मांग करते हैं कि हत्या और बेअदबी के पीछे साजिश के आरोप की जांच कर दोषियों को कानून के मुताबिक सजा दी जाए। हमेशा की तरह संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी कानूनी कार्रवाई में पुलिस और प्रशासन का सहयोग करेगा।
प्रदर्शन की कमान अपने हाथ लेने या साथ छोड़ने पर आमादा हैं निहंग
संयुक्त किसान मोर्चा के बयान के बाद निहंग अपने आरपार की लड़ाई के मूड में हैं। कहा जा रहा है कि 27 अक्टूबर को आयोजित महापंचायत में निहंग या तो आंदोलन से दूरी बना लेंगे या फिर आंदोलन की अगुवाई करेंगे। दोनों ही स्थितियां संयुक्त किसान मोर्चा के अनुकूल नहीं हैं।
निहंगों के बिना बेजान हो जाएगा किसान आंदोलन
कहा जा रहा है कि संयुक्त किसान मोर्चा को इस बात की चिंता है कि अगर निहंगों का साथ देने से उनकी छवि खराब होगी तो अलग हटने से किसानों का प्रदर्शन ही प्राणहीन हो जाएगा। वहीं, निहंग इस बात से भी खफा है कि संयुक्त किसान मोर्चा के दिए बयान के चलते ही पुलिस कार्रवाई हुई है। फिलहाल किसान मोर्चा और निहंग संगठनों के बीच अलग-अलग रणनीति तैयार की जा रही है। उधर, अखिल भारतीय किसान सभा महासचिव हन्नान मोल्लाह ने भी कहा है कि10 महीने से किसान आंदोलन को बदनाम करने का एक संयोजित प्रयास चल रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा से इसका कोई संबंध नहीं है।
निहंगों से परेशान भी है संयुक्त किसान मोर्चा
कृषि कानूनों को लेकर सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के बीच निहंग कई बार संयुक्त किसान मोर्चा के लिए समस्या बन चुके हैं। यही वजह है कि दो महीने पहले किसान नेता बलवीर सिंह राजेवाल को कहना पड़ा था कि निहंगों का यहां कोई काम नहीं है, उन्हें यहां से चले जाना चाहिए।
तीन और आरोपित पुलिस रडार पर
उधर, सोनीपत में पंजाब के युवक लखबीर की नृशंस हत्या में तीन और आरोपित पुलिस के रडार पर हैं। उनमें से दो की पहचान करने का दावा किया जा रहा है। पुलिस टीम उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। साथ ही इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो के अलावा भी कई अहम वीडियो पुलिस के हाथ लगे हैं। पुलिस क्षेत्र में लगे सीसीटीवी की फुटेज भी खंगाल रही है।
लखबीर सिंह की हत्या के आरोपित निहंग सरबजीत सिंह, भगवंत सिंह, गो¨वद प्रीत व नारायण सिंह आत्मसमर्पण कर चुके हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि लखबीर के हाथ-पैर काटने में तीन अन्य आरोपित भी शामिल थे। उनमें से दो की पहचान का दावा किया जा रहा है। पुलिस उन्हें जल्द गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है। उसके साथ ही पुलिस आरोपितों को साथ लेकर जल्द ही घटनास्थल का मुआयना करेगी।
सोनीपत के एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि युवक की हत्या में तीन अन्य आरोपितों के नाम संज्ञान में आए हैं। उनमें से दो की पहचान हो चुकी है। उनकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी। वायरल वीडियो के अलावा भी कुछ अहम वीडियो हाथ लगे हैं। कानून अपना काम करेगा, किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
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