कृष्ण जन्माष्टमी 26 या 27 अगस्त मनाना शुभ रहेगा ?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भाद्र पद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। घरों में झांकी सजाई जाती है। आधी रात को श्री कृष्ण का जन्म होता है। इस साल सप्तमी तिथि 25 अगस्त को सुबह 8:20 बजे तक रहेगी। इसके बाद अष्टमी तिथि शुरू होगी। सोमवार की रात 9:10 बजे तक कृतिका नक्षत्र रहेगा और इसके बाद रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ होगा। गृहस्थ-वैष्णव जन अलग-अलग तिथि पर कान्हा का जन्मोत्सव मनाते हैं। आइए जानते हैं किस दिन गृहस्थ-वैष्णव जन कृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे.
गृहस्थ-वैष्णव जन कब मनाएंगे कृष्ण जन्माष्टमी?
भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का पर्व जन्माष्टमी गृहस्थ लोग अपने घरों में 26 अगस्त को मनाएंगे। जबकि वैष्णव संप्रदाय के लोग उदया तिथि के अनुसार, 27 अगस्त को नटवर नागर का जन्मदिन मनाएंगे। पंडित शुभम पांडेय ने बताया कि गृहस्थ लोग श्रीकृष्ण जन्म के समय की झांकी सजाते हैं। ऐसे में श्रीकृष्ण जन्म के समय अष्टमी तिथि होने को महत्व देते हैं। जबकि वैष्णव जन सूर्य की अष्टमी तिथि में उदय होने को महत्व देते हैं।
इस वर्ष 26 अगस्त दिन सोमवार की सुबह 8:20 से अष्टमी तिथि लग जायेगी एवं रोहिणी नक्षत्र में रात 9:10 से प्रारंभ हो जाएगा। इस प्रकार अर्धरात्रि में अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र एवं साथ ही सोमवार का दिन मिल जाने से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का योग का उत्तम अवसर प्राप्त हो रहा है। अतः इसी दिन श्री कृष्ण जन्माष्टमी मना लिया जाना पुण्य फलकारी होगा। अष्टमी एवं रोहिणी नक्षत्र का संयोग 27 अगस्त मंगलवार को प्राप्त हो रहा है। अतः कुछ विशिष्ट वैष्णव जन 27 अगस्त मंगलवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे।
कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 26, 2024 को 03:39 ए एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त – अगस्त 27, 2024 को 02:19 ए एम बजे
रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ – अगस्त 26, 2024 को 03:55 पी एम बजे
रोहिणी नक्षत्र समाप्त – अगस्त 27, 2024 को 03:38 पी एम बजे
निशिता पूजा का समय – 12:01 ए एम से 12:45 ए एम, अगस्त 27
अवधि – 00 घण्टे 45 मिनट्स
धर्म शास्त्र के अनुसार. पारण समय- 03:38 पी एम, अगस्त 27 के बाद
पारण के दिन रोहिणी नक्षत्र का समाप्ति समय – 03:38 पी एम
पारण के दिन अष्टमी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी।