क्या केके पाठक 17 जनवरी को संभालेंगे शिक्षा विभाग का कार्यभार?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बुधवार से शिक्षा विभाग के एसीएस का पदभार संभाल सकते हैं. मंगलवार को उनकी छुट्टी का आखिरी दिन है. ऐसे में केके पाठक को लेकर कई तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं. क्या केके पाठक बुधवार को शिक्षा विभाग लौटेंगे या अपनी छुट्टी बढ़ायेंगे? अब इस बात का खुलासा तो केके पाठक ही कर सकते हैं. हालांकि, हाल ही में सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हुआ था, जिसके बाद उनके इस्तीफे की चर्चा शुरू हो गई थी. लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया कि केके पाठक अर्जित अवकाश पर हैं. इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव को विभाग के अपर मुख्य सचिव के कार्य का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.
आठ जनवरी से छुट्टी पर हैं केके पाठक
दरअसल, केके पाठक ने स्वास्थ्य कारणों से 8 जनवरी से 14 जनवरी तक छुट्टी ली थी. इसी बीच एक दिन अपर मुख्य सचिव अचानक विकास भवन सचिवालय स्थित शिक्षा विभाग में अपने कक्ष में पहुंच गये. वह कुछ देर वहां रुके, कुछ जरूरी काम निपटाए और फिर लौट आए. इसके बाद केके पाठक ने अपनी छुट्टी दो दिन और बढ़ाकर 16 जनवरी तक कर दी. जो मंगलवार को समाप्त हो रही है.अब अगर केके पाठक को आगे की छुट्टी चाहिए तो उन्हें आवेदन करना होगा. लेकिन, अब तक मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने छुट्टी बढ़ाने के लिए कोई आवेदन नहीं दिया है. ऐसे में वह 17 जनवरी को शिक्षा विभाग में अपने काम पर लौट सकते हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी केके पाठक के इस्तीफे की खबर
गौरतलब है कि केके पाठ की छुट्टियों के दौरान एक लेटर वायरल हुआ था. इस पत्र में लिखा था कि केके पाठक ने स्वत: अपने पद (अपर मुख्य सचिव) के प्रभार से स्वत: परित्याग कर दिया है. जिसे केके पाठक का इस्तीफा समझ सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया था.
पाठक ने अपने प्रभार प्रतिवेदन में स्पष्ट किया था कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 9 जनवरी को जारी अधिसूचना के आलोक में उन्होंने अपने पद के प्रभार का परित्याग किया था. जिसके तहत शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक का प्रभार उनके जूनियर अधिकारी शिक्षा सचिव वैद्यनाथ यादव को सौंपा गया था. यादव को यह प्रभार आठ जनवरी से 16 जनवरी की अवकाश अवधि के लिए दिया गया था.
अर्जित अवकाश पर ऐसा आवेदन देकर जाते हैं अधिकारी
केके पाठक के इस्तीफे की खबर वायरल होने के बाद मुख्य सचिव आमीर सुबहानी ने बताया था कि केके पाठक अर्जित अवकाश पर गये हैं. अर्जित अवकाश में जो अधिकारी जाते हैं, इस तरह के आवेदन देकर जाते हैं. जब वह लौट कर आयेंगे, तो शिक्षा विभाग में योगदान करेंगे. जानकारों का कहना है कि अधिकारियों के छूटी में जाने पर उनका कार्यभार अपने जूनियर अधिकारी को देना एक सामान्य प्रक्रिया है.
जून 2023 में शिक्षा विभाग के एसीएस बने थे केके पाठक
1990 बैच के आइएएस अधिकारी केके पाठक अपने सख्त आदेशों और तेज तर्रार रवैया के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने पिछले साल सात जून को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पद का चार्ज लिया था. इसके बाद से ही केके पाठक चर्चाओं में बने हुए हैं. उन्होंने राज्य की शैक्षणिक व्यवस्था में कई बदलाव किए. उन्होंने स्कूल में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाए. अनुशासन को लेकर भी कई कड़े फैसले लिए. इस दौरान कई बार उन्हें विरोध भी झेलना पड़ा.
इस्तीफे के लिए चर्चा में रहा था यह कारण
पिछले दिनों अपर मुख्य सचिव के रूप में केके पाठक ने कॉलेज और विवि शिक्षकों के लिए प्रतिदिन पांच घंटे कॉलेज में रहने की अनिवार्यता संबंधी आदेश जारी किया था. इसके साथ ही स्कूली शिक्षकों को शाम पांच बजे तक स्कूल में बने रहने संबंधी आदेश दिये थे. शिक्षक संघों ने पाठक के इस आदेश का विरोध किया था.
इसके कारण शिक्षा विभाग ने कुछ शिक्षक विधान पार्षदों के पेंशन पर रोक लगा दी थी. विभाग के इस फैसले के विरोध में शिक्षक संघ जिसमें सभी जदयू के भी विधान पार्षद शामिल थे, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से शिकायत की और हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया. राजभवन ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर इस तरह के आदेश को वापस लेने का अपील की.
बिहार के चर्चित आईएएस अधिकारी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक इन दिनों स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी पर चल रहे हैं. ऐसे में प्रभार प्रतिवेदन (चार्ज हैंडओवर ) के लिए उन्होंने अपने पद का परित्याग किया, जिसे कई लोग उनका इस्तीफा समझ कर काफी खुश हुए हैं. लेकिन केके पाठक छुट्टी खत्म होने के बाद वापस शिक्षा विभाग जॉइन करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने भी केशव कुमार पाठक (KK Pathak) की तारीफ जमकर की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केके पाठक की छुट्टी को लेकर उन्होंने कहा कि वो का अर्नड लीव लिया है, उनका पारिवारिक या व्यक्तिगत काम होगा.
केके पाठक अच्छे पदाधिकारी, दोबारा शिक्षा विभाग में आना चाहिए : अशोक चौधरी
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि के के पाठक अच्छे पदाधिकारी हैं, वे शिक्षा में अच्छा काम कर रहे हैं, इसलिये उन्हें दोबारा शिक्षा विभाग में आना चाहिए. उनकी वजह से गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों में एक उम्मीद जगी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मंशा शिक्षा को सशक्त और मजबूत करने की है, उसके लिए के के पाठक समर्पित होकर काम कर रहे हैं.
फुलवारी शरीफ की घटना में संलिप्त अपराधियों पर होगी कठोर कार्रवाई: अशोक चौधरी
फुलवारी शरीफ में हुए दुष्कर्म को लेकर अशोक चौधरी ने कहा की घटना में संलिप्त अपराधियों पर कठोर कार्रवाई होगी. प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है. साथ ही लापरवाही बरतने वाले स्थानीय पुलिस पदाधिकारी को भी निलंबित किया गया है. मामले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया है. पीड़ितों को न्याय दिलाने और दोषी को सजा दिलाने के लिए सरकार जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है.
तीन फरवरी को रामगढ़ में नीतीश कुमार की रैली : अशोक
पत्रकारों से बातचीत में मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि झारखंड के रामगढ़ में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 21 जनवरी को कार्यक्रम होना था. उस स्टेडियम की क्षमता अधिक है, लेकिन 26 जनवरी की तैयारियों के कारण वहां के एसडीएम ने दूसरा मैदान देने का प्रस्ताव दिया. उस दूसरे मैदान की क्षमता कम है और हेलीकॉप्टर उतरने में परेशानी है. इस कारण स्थानीय कार्यकर्ताओं के आग्रह पर तीन फरवरी को रामगढ़ के सिद्धू कान्हू स्टेडियम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कार्यक्रम होगा.
जल्द हो जाएगा सीटों का बंटवारा : अशोक चौधरी
इंडी अलायंस में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को ही बता दिया है कि यह जल्द हो जाएगा. वहीं अयोध्या के समारोह में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आमंत्रण आया है या नहीं, इस बारे में अशोक चौधरी ने कहा कि इसका जवाब मुख्यमंत्री सचिवालय के लोग ही दे सकते हैं. हमलोगों को राजनीतिक रूप से कोई जानकारी नहीं है.
भाजपा को शंकराचार्य द्वारा उठाए जा रहे सवालों का जवाब देना चाहिए : चौधरी
अशोक चौधरी ने कहा कि राम मंदिर उद्घाटन के संदर्भ में शंकराचार्य द्वारा वेद सम्मत और शास्त्र सम्मत उठाए जा रहे गंभीर सवालों का जवाब भाजपा को देना चाहिए. वहीं उन्होंने कहा कि क्या 22 जनवरी को ही जाना जरूरी है? हमारी जब इच्छा होगी तब हम अयोध्या में भगवान राम का दर्शन करने जाएंगे.