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क्या बिहार विधानसभा के अगले अध्यक्ष नंदकिशोर यादव होंगे? - श्रीनारद मीडिया
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क्या बिहार विधानसभा के अगले अध्यक्ष नंदकिशोर यादव होंगे?

क्या बिहार विधानसभा के अगले अध्यक्ष नंदकिशोर यादव होंगे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. सरकार के पक्ष में जहां 129 तो वहीं विपक्ष में एक भी वोट नहीं मिला. वहीं अब बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष के लिए मंगलवार को बीजेपी विधायक नंदकिशोर यादव नॉमिनेशन करेंगे. मिली जानकारी के अनुसार बिहार के पूर्व पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव 10:30 बजे के करीब बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करेंगे. नंद किशोर यादव ने छात्र जीवन से ही राजनीति की शुरुआत की थी.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय स्वयंसेवक के रूप में समाज सेवा-यात्रा शुरू करने वाले नंदकिशोर यादव का राजनीतिक सफरनामा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ने के बाद प्रारंभ हुआ था. वह लगातार 7 बार पटना साहिब क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने बिहार सरकार में लंबे समय तक पथ निर्माण मंत्री का विभाग संभाला है. वहीं नंदकिशोर यादव स्वास्थ्य मंत्री, पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं. इसके अलावा वह सदन में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका भी निभा चुके हैं. वहीं वह बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. साथ ही उन्होंने बिहार में अन्य पदों पर अपना योगदान दिया है.

7 बार चुने जा चुके हैं विधायक

पटना नगर निगम का पार्षद चुने जाने से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा आज इस मुकाम तक पहुंची है. न केवल भारतीय जनता पार्टी बल्कि इसके अनुषांगिक संगठनों के विभिन्न पदों का सफल निर्वहन करते हुए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष तक पहुंचना उनकी कर्तव्यनिष्ठा और कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रियता का प्रमाण है. वह लगातार 7 बार अपने गृह क्षेत्र पूर्वी पटना (बाद में पटना साहिब) विधान सभा क्षेत्र से निर्वाचित हो चुके हैं.

छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं नंद किशोर यादव

नंद किशोर यादव का जन्म 26 अगस्त 1953 को हुआ. उनके पिता का नाम स्व. पन्ना लाल यादव और मां का नाम स्व. राजकुमारी यादव हैं. उनके परदादा स्व. झालो सरदार, अपने समय के एक प्रसिद्ध जमींदार थे. ऐसा कहा जाता है कि उन्हें शेर पालने का शौक था. उनके दादा स्व. रामदास यादव को पक्षी पालने का शौक था. नंदकिशोर यादव अक्सर यह कहते है कि हम शेर से चिड़ियों पर आ गये. नंद किशोर का पुश्तैनी घर गोलकपुर (महेन्द्रू) में था जहां आज पटना लॉ कॉलेज का छात्रावास अवस्थित है. नंदकिशोर यादव दसवीं के बाद स्नातक की पढ़ाई शुरू की पर बीच में ही छोड़नी पड़ी. छात्र जीवन से ही वह राजनीति में सक्रिय हुए.

महागठबंधन की सरकार में अवध बिहारी चौधरी थे स्पीकर

बता दें, अवध बिहारी चौधरी महागठबंधन की सरकार में स्पीकर थे. नीतीश कुमार का अगुवाई में बनी नई सरकार के गठन के बाद उनको स्पीकर के पद से हटाने के लिए पहले ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, बावजूद इसके उन्होंने कहा था कि मैं पद से नहीं हटूंगा. हालांकि सोमवार को उन्होंने इस प्रस्ताव पर फिर से चर्चा हुई और चर्चा के बाद स्पीकर की कुर्सी छोड़ दी. इसके बाद जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो वोटिंग कराई गई. स्पीकर ने कहा कि मुझसे पद से हटाने की सूचना दी गई है. मैं सदन में सूचना को प्रस्तुत करने की अनुमति देता हूं.

बिहार विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर को पद से हटाने का प्रस्ताव लाया पर चर्चा की गई जिसके बाद अवध बिहारी चौधरी ने अपनी कुर्सी छोड़ दी. पहले से ही तय माना जा रहा था कि स्पीकर के पद पर अवध बिहारी चौधरी नहीं रहेंगे. स्पीकर के हटने के बाद विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया.

बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है. सरकार के पक्ष में जहां 129 तो वहीं विपक्ष में एक भी वोट नहीं मिला. विधानसभा में अवध बिहार चौधरी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव पारित हो गया. जिसके बाद अब विधानसभा स्पीकर का पद रिक्त है. जिसके बाद अब बिहार विधानसभा के नए अध्यक्ष के रूप में भाजपा के वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव का नाम सामने आया है. उनके नाम पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मुहर लगा दी है.

नंदकिशोर यादव अध्यक्ष पद के लिए नामांकन का पर्चा दाखिल करेंगे. 19 फरवरी को अध्यक्ष पद के लिए मतदान कराया जाएगा. प्रावधान के मुताबिक नामांकन के एक दिन बाद ही चुनाव कराये जायेंगे. मंगलवार को बजट पेश होने और अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के बाद सदन की कार्यवाही पांच दिनों के लिए स्थगित रहेगी. 19 फरवरी को सदन की कार्यवाही के दौरान चुनाव कराये जायेंगे. एक ही नामांकन होने की स्थिति में नंदकिशोर यादव निर्विरोध स्पीकर चुन लिये जायेंगे. नंदकिशोर यादव भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और पटना सिटी विधानसभा सीट से विधायक हैं. वे कई विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं.

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