चुनाव में पैसों का दुरुपयोग नहीं करेंगे बर्दाश्त- मुख्य आयुक्त
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
लोकसभा चुनाव की तैयारियों की जायजा लेने के क्रम में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) शनिवार को तमिलनाडु पहुंचे। इस दौरान उन्होंने चेन्नई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीतिक दलों को भी अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादे करने का अधिकार है। वहीं, मतदाताओं को भी पार्टियों द्वारा आश्वासनों की पूर्ति के बारे में जानने का पूरा अधिकार है।
नकदी वितरण पर रोक के निर्देश
मुख्य चुनाव आयुक्त ने इस दौरान प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क रहने और नकदी एवं मुफ्त वितरण रोकने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में अधिकांश राजनीतिक दलों ने एक ही चरण में चुनाव कराने की मांग की है। चुनाव आयोग बहुत गंभीर है और सभी जिला कलेक्टरों एवं सभी प्रवर्तन एजेंसियों को इस बारे में बताया गया है कि हम भ्रष्टाचार मुक्त चुनाव चाहते हैं। हम स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव चाहते हैं। प्रलोभन मुक्त से हमारा मतलब है कि चुनाव में धन का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।- राजीव कुमार, मुख्य चुनाव आयुक्त
बूथों के प्रबंधन पर क्या बोले चुनाव आयुक्त?
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बूथों के प्रबंधन पर बोलते हुए कहा कि हमारे पास कुछ बूथों का प्रबंधन PwD कर्मचारियों द्वारा, कुछ महिलाओं द्वारा और कुछ युवाओं द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका मकसद उन्हें सशक्त बनाना है। उन्होंने बताया कि सभी मतदान केंद्रों पर पेयजल, बिजली, शौचालय और व्हीलचेयर जैसी न्यूनतम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी।
लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अधिकारियों के तबादले की नीति में बड़ा बदलाव किया है। चुनाव आयोग ने चुनाव से पहले जिले से बाहर स्थानांतरित करने वाले अधिकारियों को संसदीय क्षेत्र के किसी भी जिले में तैनात नहीं किए जाने की सलाह दी है।
दरअसल, यह कदम चुनाव प्राधिकरण द्वारा उन मामलों पर ‘गंभीरता से ध्यान’ लेने के बाद आया है, जिनमें राज्य सरकारों द्वारा अधिकारियों को एक ही संसदीय क्षेत्र के निकटवर्ती जिलों में स्थानांतरित किया जा रहा था।
क्या कहती है EC की नीति
चुनाव आयोग (EC) की नीति के अनुसार, वे सभी अधिकारी जो या तो अपने गृह जिले में तैनात थे या किसी स्थान पर तीन साल पूरे कर चुके हैं, उन्हें लोकसभा या विधानसभा चुनावों से पहले स्थानांतरित कर दिया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे किसी उम्मीदवार या पार्टी के पक्ष में समान अवसर में खलल न डालें।
चुनाव आयोग ने शनिवार को एक बयान में कहा, ‘आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी मौजूदा स्थानांतरण नीति को मजबूत किया है कि अधिकारी चुनावों में समान अवसर को परेशान न कर सकें।’
चुनाव आयोग ने दिए निर्देश
मौजूदा निर्देशों में खामियों को दूर करते हुए, चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि, उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर, जिनमें दो संसदीय निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं, सभी राज्य यह सुनिश्चित करेंगे कि जिन अधिकारियों को जिले से बाहर स्थानांतरित किया गया है, उन्हें उसी संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में तैनात नहीं किया जाए।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के तहत चुनाव आयोग ने राज्यों से कहा है कि नीति का अक्षर और भावना दोनों से पालन किया जाना चाहिए, न कि केवल अनुपालन दिखाने के लिए छिपाया जाना चाहिए। चुनावों में समान अवसर में खलल डालने के खिलाफ आयोग की शून्य-सहिष्णुता की नीति रही है।
बीएमसी के आयुक्त का होगा तबादला
हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में आयोग ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों सहित विभिन्न अधिकारियों के स्थानांतरण का आदेश दिया था। नीति के आधार पर चुनाव आयोग के निर्देशों के बाद, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त आईएस चहल और पुणे नगर निगम (पीएमसी) के आयुक्त विक्रम कुमार का तबादला किया जाना तय है।
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