क्या Omicron Virus के खतरे को ज्यादा बढ़ा देगी?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कुछ दिन पहले तक कोई भी Omicron की बात नहीं कर रहा था और हर कोई अपने काम में व्यस्त था। अब यह हर किसी के रडार पर है, खासकर उन लोगों के जो छुट्टियों के मौसम में अपने परिवार या अपने दोस्तों के साथ कहीं जाने की योजना बना रहे हैं। बढ़ते Omicron की वजह से लोग अपनी यात्रा की योजनाओं को बदल रहे हैं। छुट्टियों को रद्द कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं को स्थगित कर रहे हैं।
Coronavirus के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंताजनक घोषित किया है और कहा है कि ये डेल्टा वेरिएंट के मुकाबले बहुत तेजी से फैलता है। ये वेरिएंट अब तक दुनिया के 57 से ज्यादा देशों में फैल चुका है और इसमें भारत भी शामिल है। फिलहाल भारत देश के 8 राज्य-केंद्र शासित प्रदेशों में इसके मरीज हैं और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मरीज हैं। हालांकि, कुछ देशों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, वहीं कुछ ने आंशिक रूप से प्रतिबंध लगाया है। जो लोग भारत से बाहर जाने की योजना बना रहे हैं, वे या तो अपनी यात्रा रद्द कर रहे हैं या अपने प्लान को आगे बढ़ा रहे हैं, जबकि जो लोग दूसरे देशों से भारत लौट रहे थे, उन्हें अब टिकट मिलना मुश्किल हो रहा है।
क्रिसमस और नए साल के आने में अब कुछ ही दिन बाकी है और अगर आप ऐसे समय में घूमने के लिए जगह ढूंढ रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। नए वेरिएंट Omicron ने कई देशों को यात्रा दिशानिर्देशों पर पुनर्विचार करने और यहां तक कि प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के लिए मजबूर कर दिया है। भारत की भी इस मामले पर पूरी नजर है, क्योंकि यहां भी केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में एक जगह से दूसरी जगह पर यात्रा करना खतरे से खाली नहीं है। इसलिए घरेलू यात्रा हो या फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर की यात्रा, हर किसी को ध्यान देना होगा कि क्वारंटाइन, वैक्सीनेशन और टेस्टिंग से संबंधित नियमों का जरूर पालन हो।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि महामारी एक जगह से दूसरी जगह जाने, मास्क न लगाने और साफ-सफाई का ध्यान ना रखने की वजह से फैलती है। अब तक जितने भी कोरोना के स्ट्रेन हुए हैं, वे सभी ऐसे ही फैले हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या Omicron भी कोरोना के दूसरे वेरिएंट की तरह खतरनाक साबित होगा? इसे रोकने का सबसे प्रभावशाली तरीका क्या है? अपनी राय Koo App पर जरूर साझा करें।
इसके अलावा शादी हो या पार्टी और उसमें शामिल ज्यादा से ज्यादा मेहमान हमारी चिंता को बढ़ा रहे हैं। भारी संख्या में लोग न केवल शादी अटेंड कर रहे हैं, बल्कि Corona के दिशानिर्देशों को भी दरकिनार कर रहे हैं। यही नहीं, बाजारों में भी लोग बिना मास्क के घूम रहे हैं और एक-दूसरे से मिल रहे हैं। इन्हें नियंत्रित करने का सबसे कारगर उपाय क्या है? उस उपाय के बारे में Koo App पर लिखकर या इसका Talk-to-Type फीचर का इस्तेमाल करके बोलकर जरूर साझा करें।
देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन का खतरा बढ़ता जा रहा है। यही नहीं ओमिक्रोन के मामलों में बढ़ोतरी भी जारी है। बुधवार को पश्चिम बंगाल में एक जबकि तेलंगाना में दो मामले सामने आए। महामारी के बढ़ते खतरे के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को मेडिकल आक्सीजन उपकरणों और प्रणालियों के संबंध में तैयारियों की समीक्षा के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक बैठक की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में भूषण ने कहा कि महामारी से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में मेडिकल आक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति बेहद महत्वपूर्ण है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे संक्रमण के इलाज में इस्तेमाल होने वाली आठ महत्वपूर्ण दवाओं का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करें साथ ही टीकाकरण पर विशेष फोकस करें। केंद्र ने राज्यों को अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा करने को भी कहा था। सरकार ने राज्यों से कहा था कि यह सुनिश्चित कर लें कि सभी अस्पतालों में पीएसए संयंत्र, वेंटिलेटर और आक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrators) का परिचालन सुचारू रूप से हो रहा है या नहीं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से नाराजगी जताते हुए कहा था कि इस बात को जानकर हैरानी होती है कि केंद्र की ओर से दिए गए कई वेंटिलेटरों की अभी पैकिंग तक नहीं खोली गई है। यही नहीं कई वेंटिलेटरों का इस्तेमाल तक नहीं किया गया है। ऐसी लापरवाही पर नजर रखने की जरूरत है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सभी आक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen Concentrators), पीएसए, आक्सीजन संयंत्र और वेंटिलेटर लगाए जाएं। इसकी भी जांच की जानी चाहिए कि ये संयंत्र सही तरीके से काम कर रहे हैं कि नहीं…
केंद्र सरकार ने मास्क का इस्तेमाल कम होने का हवाला देते हुए यह भी आगाह किया था कि लोग जोखिम मोल ले रहे हैं जबकि अभी मास्क हटाने का वक्त नहीं आया है। हम सभी को याद रखने की जरूरत है कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के साथ मास्क का इस्तेमाल भी बेहद जरूरी है। राज्यों से कहा गया था कि कोविड-19 जांच का दायरा बढ़ाएं और निगरानी पर ध्यान दें ताकि मरीजों की जल्द पहचान हो सके। केंद्र ने सभी जिलों में आरटी-पीसीआर जांच सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।
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