क्या 2025 में तेजस्वी नहीं होंगे सीएम पद के उम्मीदवार?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
उपेंद्र कुशवाहा के जदयू की सदस्यता से इस्तीफे और नई पार्टी की घोषणा के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।ललन सिंह का यह बयान महागठबंधन का समीकरण बिगाड़ सकता है। दरअसल, सीएम नीतीश कुमार कई बार अपने बयान में तेजस्वी यादव को 2025 में सीएम पद का उम्मीदवार बता चुके हैं।
ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ललन सिंंह के बयान में यह विरोधाभास महागठबंधन पर क्या असर डालेंगे और राजद की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया होगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
ललन सिंह पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे कि एक पत्रकार ने उनसे 2025 में सीएम पद की उम्मीदवारी के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कह दिया कि अभी किसी का नाम तय नहीं है, तब का तब देखा जाएगा। अभी 2024 आने वाला है, उसकी बात कीजिए।
इसके पहले उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के इस्तीफे और नई पार्टी की घोषणा पर कहा कि वे पहले भी ऐसा कर चुके हैं, इसका जदयू पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
बिहार में नीतीश कुमार और उपेंद्र कुशवाहा की तनातनी ने नया मोड़ ले लिया है। आखिरकार, बगावती तेवर अपनाए उपेंद्र कुशवाहा ने नई पार्टी बनाने की घोषणा कर दी। कुशवाहा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें उन्होंने कहा कि वे आज से नई शुरुआत करने जा रहे हैं।
मीडिया से बातचीत करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि वे नई पार्टी ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल’ बनाने जा रहे हैं। कुशवाहा ने कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश कुमार को राज्य चलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। जॉर्ज फर्नाडिंस के कारण नीतीश कुमार पार्टी के मुखिया बने थे। उस समय बिहार की जनता तबाह थी। बिहार की जनता को उस हालात से निकालने के लिए हमने 10-12 साल तक संघर्ष किया। बिहार को खौफनाक मंजर से निकालने में पूरी ताकत लगा दी।
कुशवाहा ने आगे नीतीश कुमार की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि उस समय नीतीश जी ने बहुत अच्छा काम किया था लेकिन अंत भला तो सब भला होता है। बाद में अंत भला नहीं हुआ। कुछ को छोड़कर जद (यू) में हर कोई चिंता व्यक्त कर रहा था। निर्वाचित सहयोगियों के साथ बैठक हुई और निर्णय लिया गया है। नीतीश कुमार ने शुरुआत में अच्छा किया लेकिन अंत में जिस रास्ते पर उन्होंने चलना शुरू किया है, वह उनके और बिहार के लिए बुरा है। उन्होंने एमएससी पद से भी इस्तीफा देने की घोषणा की है।
इससे पहले, कुशवाहा ने पटना में बैठक बुलाई थी। जिसमें जदयू से जुड़े नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। दो दिनों तक बैठक चली। यह बैठक पटना के सिन्हा लाइब्रेरी परिसर में हुई। बैठक में जितेंद्र नाथ, सुभाष कुशवाहा, माधव आनंद, विधान पार्षद रामेश्वर महतो और रेखा गुप्ता को कुशवाहा ने कार्यक्रम के संचालन की जिम्मेदारी दी थी। सभी लोग पूर्व में जदयू को पदाधिकारी रह चुके हैं।
इस बैठक के शुरू होते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि उपेंद्र कुशवाहा जदयू से अपनी राहें अलग करने वाले हैं। आखिरकार, सोमवार को उन्होंने घोषणा भी कर दी।