क्या नया डाकघर कानून से गुणवत्ता में बढ़ोतरी होगी?
125 साल से चल रहा है पोस्ट आफिस कानून
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
संसद से पारित नये डाकघर कानून से डाक सेवाओं में बड़े बदलाव की उम्मीद है. यह कानून सवा सौ साल पुराने भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 का स्थान लेगा. तकनीक के विस्तार के साथ-साथ डाकघरों की उपयोगिता में भी बदलाव आया है. चिट्ठी और टेलीग्राम जैसी चीजें गुजरे जमाने की बातें हो चुकी हैं. आज आम तौर पर सरकारी और अदालती पत्र व्यवहार के लिए मुख्य रूप से डाक सेवाओं का उपयोग होता है.
नए जमाने के पोस्ट ऑफिस के लिए सरकार नया कानून ला रही है। इस प्रक्रिया में सोमवार को पोस्ट ऑफिस बिल 2023 को राज्य सभा से पारित कर दिया गया। इस बिल के कानून बनने के बाद अंग्रेजों के जमाने का 125 साल पुराना पोस्ट ऑफिस कानून समाप्त हो जाएगा।
लोग संपर्क के लिए फोन, ईमेल, सोशल मीडिया आदि का उपयोग करते हैं. ऐसे में वर्तमान और भविष्य के अनुरूप डाक सेवाओं की रूप-रेखा निर्धारित करना आवश्यक था. नये कानून ने भारतीय डाक को विभिन्न नागरिक-केंद्रित सेवाओं को उपलब्ध कराने वाले एक नेटवर्क के रूप में विकसित करने का आधार दिया है. इसके लिए पुराने कानून के प्रावधानों को सरल बनाया गया है. बीते दशकों में निजी कूरियर सेवाओं का अत्यधिक विस्तार हुआ है, लेकिन इस क्षेत्र के नियमन के लिए वैधानिक व्यवस्था नहीं थी. अब इसका नियमन नये कानून के प्रावधानों के तहत होगा.
सरकार का मानना है कि पोस्ट ऑफिस अब सिर्फ डाक पहुंचाने वाले काम तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता से जुड़ी विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्रदान कर रहा है। इसलिए इसके कानून में भी बदलाव की जरूरत है।
प्रचलित पोस्ट ऑफिस कानून 1898 में बनाया गया था। प्रस्तावित नए कानून में जनता से जुड़ी विभिन्न सेवा प्रदाता के रूप में पोस्ट आफिस को स्थापित करने की कोशिश है। प्रस्तावित कानून में राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में अधिकारी को पोस्ट ऑफिस के माध्यम से आने वाले डाक या सामान को खोलकर देखने का अधिकार होगा। डाक या सामान को अधिकारी डिलिवरी करने के बजाए उसे जब्त भी कर सकता है। इसके अलावा डाक विभाग के महानिदेशक को पोस्ट ऑफिस की तरफ से आवश्यकतानुसार नई सेवाओं को शुरू करने और उसके बदले में शुल्क निर्धारित करने का अधिकार होगा।
सेवा प्रदान करने वाला संस्थान बन गया है पोस्ट ऑफिसः वैष्णव
राज्य सभा में इस बिल पर चर्चा के दौरान संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पिछले साढ़े नौ साल में पोस्ट आफिस से लेकर पोस्टमैन और पोस्ट आफिस की सेवाओं में बड़ा बदलाव हुआ है और पोस्ट ऑफिस सिर्फ डाक पहुंचाने की जगह अब विभिन्न सेवा प्रदान करने वाला संस्थान बन गया है। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा भी आया था खासकर यूपीए के शासनकाल में, जब पोस्ट आफिस अप्रासंगिक लगने लगा था।
2014 से लेकर 2023 तक खोले गए 5000 नए पोस्ट ऑफिस
वैष्णव ने कहा कि वर्ष 2004 से वर्ष 2014 तक 660 पोस्ट आफिस बंद कर दिए गए, जबकि वर्ष 2014 से वर्ष 2023 तक 5000 नए पोस्ट आफिस खोले गए और 5746 पोस्ट ऑफिस खोलने की तैयारी है। इसके अलावा 1.6 लाख पोस्ट ऑफिस को कोर बैंकिंग व डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ दिया गया है। पोस्ट ऑफिस आधार सेवा केंद्र का भी काम कर रहे हैं।