बस कुछ प्रयासों से पर्यटन के राष्ट्रीय मानचित्र पर आ जाएगा अपना सीवान!

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पर्यटन स्थलों पर बढ़े सुविधाएं और हो पर्याप्त प्रचार प्रसार तो सीवान में आयेंगे भारी संख्या में देशी विदेशी सैलानी

बड़े स्तर पर होगा रोजगार सृजित तो सीवान की अर्थव्यवस्था की सेहत भी सुधरेगी

राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर विशेष आलेख
श्रीनारद मीडिया, ✍️गणेश दत्त पाठक :

सीवान  जिले के लिए पर्यटन एक बेहद संभावनाओं का क्षेत्र है। यहां के कई पर्यटक स्थल ऐसे हैं, जो भारी संख्या में देशी विदेशी सैलानियों को आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं। लेकिन पर्याप्त बुनियादी संरचना के अभाव, उपयुक्त प्रचार प्रसार नहीं होने, एक नकारात्मक छवि के कारण सीवान में सैलानी अभी कम आ रहे हैं। थोड़े से सार्थक प्रयास राजनीतिक, प्रशासनिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक स्तर पर हो जाए तो सीवान में भारी संख्या में पर्यटक आ सकते हैं। जिससे जहां सीवान की अर्थव्यवस्था की सेहत सुधरेगी, वहीं युवाओं को रोजगार भी मिल सकता है। जिससे सीवान में समृद्धि की बयार भी बह सकती है।

जीरादेई, तितिरा, फरीदपुर का विकास कर देगा कमाल

सीवान में पर्यटन के लिए ख्यात कई स्थल हैं। जिसमें सर्वप्रमुख देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जन्मस्थली जीरादेई है। देशरत्न का गांव देशी विदेशी सैलानियों को आकर्षित करता रहा है। जीरादेई प्रखंड में स्थित बौद्धकालीन तितिर स्तूप प्रक्षेत्र में भी देशी विदेशी सैलानी आते रहे हैं। तितिर स्तूप विकास मिशन के संस्थापक सदस्य श्री कृष्णकुमार सिंह बताते हैं कि साहित्यिक और पुरातात्विक साक्ष्य तितिर स्तूप प्रक्षेत्र के बौद्ध कालीन आयाम को उद्घाटित करते नजर आते हैं।परंतु अभी तक तितिर स्तूप प्रक्षेत्र पुरातात्विक स्थल घोषित होने के इंतजार में हैं। स्वतंत्रता सेनानी मौलाना मजहरूल हक साहब का आशियाना भी स्वतंत्रता संग्राम की यादों को सहेजे हुए है। पचरुखी का सुरहिया ताल भी पर्यटन का महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है।

अन्य पर्यटक स्थलों पर भी सुविधाएं नदारद हैं

इसके अलावा सीवान में सोहागरा धाम,महेंद्र नाथ मंदिर
आनंद बाग मठ, सुंदर बाग मठ,भीखाबंध,
पंचमुखी शिवलिंग, महाभारतकालीन गुरु द्रोणाचार्य की कर्मस्थली दोन, मैरवा का बाबा हरिराम धाम,लकरी दरगाह आदि अनेक स्थल ऐसे हैं, जो अपने ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करते रहे हैं। लेकिन इन स्थलों के बारे में जानकारी के अभाव, सीवान का सापेक्षिक नकारात्मक परिप्रेक्ष्य, पर्यटन संबंधी बुनियादी सुविधाओं जैसे परिवहन, होटल, सुरक्षा के अभाव जैसे तथ्यों की कमियों के कारण सैलानी सीवान आने में हिचकते रहे हैं।

सोशल मीडिया पर बढ़ा प्रचार प्रसार

लेकिन हाल में देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया के दौर में सीवान के लोग इन पर्यटन केंद्रों पर जाकर वहां के फोटो और कहानियां प्रसारित कर रहे हैं, जिससे निश्चित तौर पर सीवान में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। शानदार सीवान पर ही तितिर स्तूप पर प्रकाशित खबरों को तकरीबन एक लाख लोग देख चुके हैं। ऐसे में अगर तितिरा में एक बौद्ध स्मृति पार्क, संग्रहालय आदि बन जाए और पुरातात्विक साक्ष्यों की पुष्टि कर, उसे पुरातात्विक स्थल घोषित कर दिया जाए तो वहां देशी और विदेशी सैलानी भारी मात्रा में आने लगेंगे। शिक्षाविद् पुष्पेंद्र पाठक का कहना है कि बौद्धिक अध्ययन केंद्र की स्थापना और अन्य प्रयास विदेश के भी बौद्ध श्रद्धालुओं को आकर्षित करेंगे।

सीवान के परदेशी, जब भी आएं, घूमें जरूर

यदि ऐसी ही व्यवस्थाओं को
देशरत्न के गांव जीरादेई और मौलाना साहब के फरीदपुर में कर दिया जाए। यथा स्तरीय संग्रहालय आदि बना दिया जाए तो सैलानी भारी संख्या में आने लगेंगे। सीवान से स्नेह रखने वाले हर जिलेवासी को सोशल मीडिया पर सीवान के पर्यटन स्थलों की तस्वीर ज्यादा से ज्यादा शेयर करना चाहिए। साथ ही जब सीवान के परदेशी गृहजिला आए तो अपने कीमती समय निकालकर इन पर्यटक स्थलों पर जरूर घूमना चाहिए।

पर्यटक स्थलों को बनाया जाए और भी आकर्षक

सीवान के पर्यटक स्थलों में बड़ी खामी यह रही है कि तकरीबन सभी पर्यटक स्थल एकांगी स्वरूप के हैं। समय समय पर देश विदेश के पर्यटक स्थलों की सैर करने वाले मधुमेह रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एहतेशाम अहमद कहते हैं कि जैसे जीरादेई और फरीदपुर में कुछ नए म्यूजियम और अन्य कुछ आकर्षक व्यवस्थाएं बनाई जाए तो और भी संख्या में पर्यटक आयेंगे। अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रामेश्वर कुमार सीवान में मेडिकल टूरिज्म की संभावनाओं की तरफ भी संकेत करते हैं। जो अगले चार पांच सालों में संभव हो सकता है। दंत रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रविकांत सिंह कहते हैं कि निश्चित तौर पर इस संभावना का आधार मैरवा मेडिकल कॉलेज की स्थापना ही है।

सैलानी सदैव पसंद करते हैं सुकून

सीवान के नकारात्मक छवि को सकारात्मक बनाने के प्रयास भी आवश्यक हैं। इस संदर्भ में कानून व्यवस्था की स्तरीय स्थिति का होना आवश्यक है। ईएनटी सर्जन डॉक्टर शादाब कहते हैं कि सीवान के छवि के सकारात्मक बनाने के हर स्तर पर प्रयास आवश्यक है। सैलानी वहां जाना ज्यादा पसंद करते हैं जहां सुकून हो।अपराध बिलकुल नहीं हों।

राम जानकी मार्ग एक बेहतरीन अवसर

सीवान के पर्यटन स्थलों पर पहुंचने के मार्गों की स्थिति तो संतोषजनक है लेकिन परिवहन व्यवस्था की बेहतरी के लिए प्रयास करना होगा। सीवान में हाल के दिनों में सैफायर इन, अशोका रेजीडेंसी, ग्रैंड मौर्या, जैसे कुछ बड़े और स्तरीय होटल स्थापित हुए हैं लेकिन मध्यम क्लास के स्तरीय होटल बेहद कम संख्या में हैं। साथ ही अधिकांश पर्यटन स्थलों का सौंदर्यीकरण भी नहीं हो पाया है। राम जानकी पथ के बनने से सीवान के कई पर्यटन स्थल इस मार्ग से जुड़ जायेंगे। यदि इस अवसर का लाभ उठाने का प्रयास किया जाए तो सीवान में पर्यटन को भारी लाभ मिल सकता है और भारी मात्रा में सैलानी सीवान आ सकते हैं।

आवश्यकता प्रशासनिक पहल, राजनीतिक इच्छाशक्ति, सामाजिक संचेतना, सांकृतिक संवेदनशीलता और आर्थिक दृष्टिकोण में समन्वय और सामंजस्य की है। थोड़े से सार्थक और समन्वित प्रयास सीवान की तकदीर को बदल सकते हैं। सैलानी जब भारी संख्या में आयेंगे तो सीवान में समृद्धि की बयार बह उठेगी।

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