लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पारित हो गया। महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में मंगलवार को पेश किया गया था।
बता दें कि आज दिन भर इस बिल पर चर्चा चली। चर्चा के बाद इस पर पर्ची से मतदान कराया गया, जिसमें इस बिल के पक्ष में 454 मत पड़े। वहीं, इसके विरोध में दो मत पड़े।

अनुच्छेद 303, 30ए लोकसभा में मातृशक्ति को एक तिहाई आरक्षण देगा

 गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नया अनुच्छेद 303, 30ए लोकसभा में मातृशक्ति को एक तिहाई आरक्षण देगा और 332ए विधानसभाओं में मातृशक्ति को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करेगा। इसके साथ-साथ एससी/एसटी वर्ग के लिए जितनी भी सीटें रिजर्व हैं, उसमें भी एक तिहाई सीटें मातृशक्ति के लिए आरक्षित होंगी।

गृहमंत्री अमित शाह ने गिनाए सरकार के फैसले

 गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने इस देश में 5 दशक से ज्यादा शासन किया, लेकिन 11 करोड़ परिवार ऐसे थे, जहां घरों में शौचालय नहीं था। गरीबी हटाओ के नारे दिए, लेकिन गरीबों को कोई सुविधा नहीं दे पाए। शौचालय न होने का पीड़ा वही जान सकते हैं, जिनके घरों में बहन-बेटियां हैं।जब बैंक अकाउंट खोलने का काम शुरू किया तो 52 करोड़ बैंक अकाउंट खोले गए और 52 करोड़ अकाउंट में से 70 प्रतिशत अकाउंट माताओं के नाम से खोले गए।

आज महिला सशक्तिकरण हुआ है। जिस दिन मोदी जी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, जिस दिन से भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, उसी दिन से महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और सहभागिता… इस सरकार के सांस और प्राण में बसा हुआ है। मोदी जी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देशभर में दिया। गुजरात में उनके प्रयासों से जनजागृति के माध्यम से बिना किसी कानून के लिंग अनुपात में बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ।

गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की बड़ोदरा कार्यकारिणी हुई थी, उस ऐतिहासिक कार्यकारिणी में मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के संगठात्मक पदों पर माताओं के लिए एक तिहाई रिजर्वेशन किया गया था। मैं गर्व से कह सकता हूं कि ऐसा करने वाली मेरी पार्टी, सबसे पहली और अंतिम पार्टी है।

केंद्र के 90 में से सिर्फ 3 सचिव OBC, कैसे मिलेगा न्याय: राहुल गांधी

 महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि भारत की महिलाओं को सत्ता हस्तांतरित करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम था पंचायती राज, जहां उन्हें आरक्षण दिया गया और बड़े पैमाने पर राजनीतिक व्यवस्था में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। हर कोई इस बात का समर्थन करेगा कि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा कदम है।

महिलाओं ने आज़ादी के आंदोलन में भी भाग लिया… लेकिन मेरे हिसाब से यह बिल अधुरा है क्योंकि इसमें OBC आरक्षण की बात नहीं है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि इसमें दो बात नहीं है, पहली बात तो यह कि आपको इस बिल के लिए एक नई जनगणना और नया परिसीमन करना होगा। मेरी नजर में इस बिल को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33% आरक्षण देकर लागू कर देना चाहिए।

महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में हिस्सा लेते हिए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार मुस्लिम या ओबीसी महिलाओं का नहीं बल्कि सवर्ण महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना चाहती है।

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन औवेसी ने कहा, आप मुस्लिम महिलाओं को इस आरक्षण में कोटा न देकर उन्हें धोखा दे रहे हैं। उन्होंने अपनी पार्टी की ओर से इस विधेयक कि खिलाफत की है।

बीएसपी की सांसद संगीता आजाद ने महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा,”यह बिल आने से देश की महिलाओं को नई ऊर्जा मिलेगी। इस विधेयक का हम समर्थन करते हैं लेकिन हमारी कुछ मांगे हैं। हम चाहते हैं कि लोकसभा, राज्यसभा और राज्य के विधानसभाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर देना चाहिए और ये आरक्षण विधान परिषदों में लागू कर देना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि जातिगत जनगणना जल्द से जल्द हो इसके साथ ही परिसीमन भी जल्द हो। ये सरकार का सिर्फ चुनावी मुद्दा न बन जाए और साल 2024 चुनाव में इस आरक्षण को लागू किया जाए।

केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा,”महिला आरक्षण समय की जरूरत है। सरकार महिलाओं के नेतृत्व की बात करती है।”  हमारे पिछड़े वंचित समाज से आने वाली महिलाओं के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए पीएम मोदी जरूर कोई काम करेंगे।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि 2010 में आपने बिल को राज्यसभा में पारित कराया था तो उस समय क्या आपने तब क्या पिछड़े समाज की महिलाओं को कोटा दिया जाए ये विषय आपके संज्ञान में थी या नहीं और अगर ये बात आपके लिए महत्वपूर्ण नहीं थी तो क्या कांग्रेस को यह ख्याल नया नया आया है।

महिला आरक्षण बिल पर जेडीयू ने दिखाई हरी झंडी

जेडीयू ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है। इस बिल का समर्थन करते हुए जेडीयू नेता और लोकसभा सांसद ललन सिंह ने कहा कि हम जातिगत जनगणा की मांग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार पहला राज्य है जहां 2006 में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। 2015 में महागठबंधन सरकार बनी और 2016 में राज्य सरकार की सभी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया।

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