पहले ही प्रयास में लहराया सफलता का परचम
श्रीनारद मीडिया, सचिन पांडेय, मांझी, सारण (बिहार )
पंडित श्री उमेश तिवारी और माता श्रीमती उर्मिला देवी के द्वितीय सुपुत्र रवि कांत शास्त्री (मुन्ना) ने पहले ही प्रयास में एसटीइटी की परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है। पढ़ाई में बचपन से ही मेधावी रवि कांत जयप्रकाश विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित b.ed की परीक्षा में भी प्रथम प्रयास में सफलता हासिल किये था। इसी क्रम में उन्होंने एस.टी.इ.टी. के परीक्षा हेतु भी आवेदन की थी। इस परीक्षा में वह सफलता हासिल कर ग्रामीण परिवेश के बच्चों के लिए प्रेरणास्रोत बन गये है।
विद्यार्थियों के बीच शास्त्री सर के नाम चर्चित रविकांत इन्टर की परीक्षा पास करने के बाद 2012 से ही बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं।सभी विषयों पर समान अधिकार रखने वाले रविकांत का हाल हीं में एम.ए.(अंग्रेजी) पार्ट-1 में 78% अंकों के साथ सफलता हासिल किये है। ऐसे में दोहरी सफलता मिलने पर परिवार व गांव में उत्सव सा माहौल है।
सादगी भरे नम्र व्यवहार और शालिनता के धनी शास्त्री जी अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ ही, गुरु डॉ सुरेश मिश्रा जी को देते हैं। बड़े भाई, शिक्षक, कवि व गीतकार बिजेंद्र कुमार तिवारी को अपना आदर्श मानने वाले रविकांत पी.एच.डी. करने के साथ नेट क्वालीफाई कर प्रोफेसर बनना चाहते हैं।
इस अवसर पर बड़े भाई बद्रीनाथ तिवारी, चंद्रकांत तिवारी, शशि प्रकाश तिवारी भाभी माया देवी, चंदा देवी सीमा तिवारी सहित कई लोगों ने बधाई देते हुए कामयाबी का आशीर्वचन दिया।
हम सब उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।
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