ओमान से 25 दिनों बाद गांव पहुंचा मजदूर का शव,परिजनों की चीख -चीत्कार से गमगीन हुआ माहौल

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*माले विधायक ने परिजनों से मुलाकात कर बंधाया ढ़ाढ़स

श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार)

सीवान जिला के बड़हरिया थाना क्षेत्र के हबीबपुर गांव के टोला छह आना के स्व दोस्त अहमद के 55 वर्षीय पुत्र शम्सुद्दीन अहमद का शव मंगलवार को जैसे ही गांव पहुंचा परिजनों के रुदन-क्रंदन से माहौल मातमी हो गया। बताया जाता है कि करीब सात माह से ओमान के हॉस्पिटल में कोमा में रहने के बाद इलाज के दौरान उनकी मौत 30सितंबर को हो गयी थी।

 

मंगलवार को 25 दिनों बाद शमसुद्दीन अहमद की लाश गांव पहुंचने पर उनके परिजनों की चीख-चीत्कार से पूरे मुहल्ले का माहौल गमगीन हो गया।उनकी पत्नी जिन्नत खातून अपने शौहर की मौत की खबर मिलते ही बेसुध हो गयीं।वहीं बेटियां और अन्य परिजन बिलख -बिलख कर रोने लगे। परिजनों ने बताया कि वे हाई ब्लड प्रेशर और सुगर के कारण 23 फरवरी,2022 को यानी करीब सात माह पूर्व कोमा में चले गये थे।

 

सात महीनों से हॉस्पिटल में इलाज के दौरान 30 सितंबर यानी शुक्रवार की रात में शम्सुद्दीन अहमद की मौत हॉस्पिटल में हो गयी थी।आज ठीक 25 दिनों बाद उनका शव हबीबपुर पहुंचा। शम्सुद्दीन अहमद की लाश को हबीबपुर के कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया। इस मौके पर माले विधायक अमरजीत कुशवाहा मृतक के घर पहुंचकर परिजनों को सांत्वना थी। साथ ही, विधायक अमरजीत कुशवाहा ने शम्सुद्दीन अहमद के जनाजे की नमाज़ में भाग लिया।

 

इस मौके पर विधायक अमरजीत कुशवाहा, सामाजिक कार्यकर्ता मो शहजाद अली, मो मैनुद्दीन,एजाज़ अहमद, मो इस्लाम,सोनू अहमद, आजाद अली, मो मुस्कीम,भोज मियां, सफीक आलम,मो शर्फुद्दीन,मो इस्लाम, सफीक आलम,एजाज अली सहित अन्य मौजूद थे। इस मौके पर विधायक श्री कुशवाहा ने कहा कि विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास विदेश में रह रहे बिहार के कामगारों की चिंता नहीं है। यदि चिंता होती है तो शम्सुद्दीन अहमद का शव आने में 25 दिनों का लंबा समय नहीं लगता।

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