Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the newsmatic domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/imagequo/domains/shrinaradmedia.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
पहली अगस्त से शुरू होगा 'विश्व स्तनपान सप्ताह' - श्रीनारद मीडिया

पहली अगस्त से शुरू होगा ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’

पहली अगस्त से शुरू होगा ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’

०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow
०१
WhatsApp Image 2023-11-05 at 19.07.46
priyranjan singh
IMG-20250312-WA0002
IMG-20250313-WA0003
previous arrow
next arrow

@शिशु व माँ की स्वास्थ्य देखभाल के लिए चलेगा अभियान

श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी

वाराणसी, 30 जुलाई 2022 / नवजात एवं माँ की स्वास्थ्य देखभाल के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी एक अगस्त से ‘विश्व स्तनपान सप्ताह’ चलाया जाएगा। इस वर्ष की थीम “स्तनपान शिक्षा और सहयोग के लिए बढ़ाएँ कदम” निर्धारित की गई है। अभियान में मुख्य रूप से शिशु के जन्म के पहले घंटे के अंदर मां का पहला गाढ़ा दूध पिलाने, छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराना, कंगारू मदर केयर एवं गृह आधारित नवजात की देखभाल (एचबीएनसी) के बारे में जागरूक और प्रेरित किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि एक अगस्त से शुरू हो रहे स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत जनपद में स्तनपान प्रोत्साहन से जुड़ी जनजागरुक गतिविधियां होंगी। इसमें एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम होगी। उन्होंने बताया कि शिशु के सर्वांगीण विकास में स्तनपान का खास योगदान है। पहला जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला गाढ़ा दूध पिलाना, दूसरा छह माह तक शिशु को सिर्फ स्तनपान कराना और तीसरा दो वर्ष तक बच्चे को पूरक आहार के साथ स्तनपान कराना और दो वर्ष पूरे होने तक स्तनपान जारी रखना है।

एसीएमओ व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एके मौर्य ने बताया कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वेक्षण- 4 (एनएफ़एचएस 2015-16) के अनुसार जिले में 18.3 फीसदी जन्मे शिशुओं को एक घंटे के अंदर स्तनपान कराया गया जबकि एनएफ़एचएस-5 (2019-21) में बढ़कर 36.5 प्रतिशत हो गया है। एनएफ़एचएस-4 में छह माह तक के 23.5 फीसदी बच्चों के सिर्फ स्तनपान कराया गया, एनएफ़एचएस-5 में बढ़कर यह 47.5 % हो गया है। एनएफ़एचएस-4 में छह से 23 माह तक के 4.8 % बच्चों को स्तनपान के साथ अनुपूरक मिला वहीं एनएफ़एचएस-5 में यह बढ़कर 6.6 % हो गया है।

डॉ मौर्य ने कहा कि स्तनपान स्तन कैंसर से होने वाली मृत्यु को भी कम करता है। वहीं जिन शिशुओं को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान नहीं कराया जाता है, उनमें नवजात मृत्यु दर की संभावना 33 प्रतिशत अधिक होती है (उन शिशुओं के सापेक्ष जिनको जन्म के एक घंटे के बाद लेकिन 24 घंटे के पहले स्तनपान की शुरुआत कराई जाती है)। उन्होंने कहा कि नवजात को कुपोषण से बचाने के लिए जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान प्रारंभ करें। छह माह तक केवल स्तनपान कराएं और छह माह पूरे होने पर संपूर्ण आहार दें।

जिला सामुदायिक प्रक्रिया प्रबन्धक (डीसीपीएम) रमेश प्रसाद वर्मा ने बताया कि आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर सभी धात्री महिलाओं व परिजनों को जन्म के पहले घंटे के अंदर व छह माह तक सिर्फ स्तनपान के लिए जागरूक व प्रेरित करेंगी। कोविड अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है तो साफ-सफाई, हाथ धोना, दूध पिलाते समय नाक व मुंह पर मास्क लगाना आदि बातों का विशेष ख्याल रखें।

स्तनपान से माँ और शिशु को होने वाले फायदे –

– माँ का दूध, शिशु के लिए अच्छा और सम्पूर्ण आहार होता है।
– माँ और शिशु के बीच में भावनात्मक जुड़ाव पैदा होता है।
दूध में पाया जाने वाला कोलेस्ट्रम शिशु को प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है।
– शिशु को विभिन्न बीमारियों से बचाता है।
– प्रसवोपरांत अत्यधिक रक्तस्राव का खतरा कम हो जाता है।
स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर तथा अंडाशय के कैंसर के खतरे कम हो जाते हैं। शिशु की शारीरिक और मानसिक वृद्धि में बेहतर विकास होता है।

Leave a Reply

error: Content is protected !!