World Hindi Diwas 2023: विश्व हिंदी दिवस कब और क्यों मनाई जाती हैं ?
विश्व हिंदी दिवस का उदेश्य दुनिया भर में हिंदी भाषा के प्रचार और ग्लोबल लेवल पर भारतीय भाषा को मान्यता दिलाना है.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
World Hindi Diwas 2023: भारत कई राज भाषाओं और लिपियों से समृद्ध देश है। यहां कई सारी भाषाएं बोली जाती हैं। देश के आधे से ज्यादा भाग को हिंदी भाषा ही जोड़ती है। भले ही अंग्रेजी का प्रचलन बढ़ गया हो लेकिन हिंदी अधिकतर भारतीयों की मातृभाषा है। हालांकि भारत में हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं मिला है लेकिन राजभाषा के तौर पर हिंदी की खास पहचान है।
भारत के साथ ही विदेशों में बसे भारतीयों को भी हिंदी भाषा ही एकजुट करती है। हिंदी हिंदुस्तान की पहचान भी है और गौरव भी। हिंदी को लेकर दुनियाभर के तमाम देशों में बसे भारतीयों को एक सूत्र में बांधने के लिए विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। हर साल विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को होता है।
राष्ट्रीय हिंदी दिवस भारत में हिंदी को आधिकारिक दर्जा मिलने की खुशी में मनाते हैं, वहीं विश्व हिंदी दिवस दुनिया में हिंदी को वही दर्जा दिलाने के प्रयास में मनाया जाता है।
10 जनवरी विश्व हिंदी दिवस का इतिहास
पहला हिंदी दिवस सम्मेलन 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित हुआ था। यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय स्तर का था, जिसमें ३० देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस सम्मेलन का उद्देश्य हिंदी का प्रसार-प्रचार करना था। तब से विश्व हिंदी दिवस इसी तारीख यानी 10 जनवरी को मनाया जाने लगा।बाद में यूरोपीय देश नार्वे के भारतीय दूतावास ने पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया था।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य दुनिया भर के लोगों को हिंदी भाषा के महत्व से रूबरू कराना और इसका प्रचार-प्रसार करना है. दरअसल, विश्व के जिन देशों में भारत के दूतावास हैं, वहां इस दिवस को हर्षोल्लास के साथ सेलिब्रेट करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही देशभर के सरकारी कार्यालयों, विश्वविद्यालों में हिंदी दिवस के लिए खास कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
देश की प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने 1975 में पहली बार वर्ल्ड हिंदी कांफ्रेंस (first World Hindi Conference) का उद्घाटन किया. उसके बाद दुनिया के कई हिस्सो में वर्ल्ड हिंदी कांफ्रेंस का आयोजन किया गया. हालांकि साल 2006 में 10 जनवरी के दिन पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था. उस समय देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे. भारत के तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह ने ही इस दिन (10 जनवरी) को विश्व हिंदी दिवस के रुप में मनाने की घोषणा की थी. उसके बाद से हर साल दुनिया भर में कल दिन हिंदी भाषा को एक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा.
विश्व हिंदी दिवस का मकसद लोगों के बीच भारतीय भाषा के बारे में जागरूकता पैदा करना और यहां की भाषा को दुनिया भर में एक ग्लोबल लैंग्वेज के रूप में बढ़ावा दिलान है. इसके माध्यम से भारतीय भाषा के इस्तेमाल के बारे में दुनिया भर के लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने और हिंदी भाषा के इस्तेमाल, प्रचार और प्रसार से जुड़े पहलुओं के बारे में बताना है. साथ ही इसके दायरे को बढ़ाना है.
2006 के बाद से हर साल हिंदी के इस्तेमाल और इसके दायरे को बढ़ाने के लिए भारत का विदेश मंत्रालय 10 जनवरी को कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करके मनाता है. इस खास दिन को दर्शाने के लिए कुछ मौकों पर देश के पोस्टल डिपार्टमेंट की ओर से स्पेशल डाक टिकट जारी करके भी मनाया गया है. स्कूल और छात्र इस दिन को अपने स्कूलों या यहां तक कि इलाकों में बहस, चर्चा, हिंदी कविता पाठ, साहित्य कक्षाएं, नाटक, क्विज़ और बहुत कुछ आयोजित करके मनाते हैं. हिंदी क्लब समेत कई संगठन भी वाद-विवाद और चर्चा करते हैं. इसी तरह की एक्टिविटी करके कल आप भी इस दिन को मना सकते हैं.
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