विश्व तम्बाकू निषेध दिवस: स्वास्थ्य कर्मियों ने ली तम्बाकू नहीं खाने की शपथ
– तम्बाकू का इस्तेमाल गंभीर बीमारियों को निमंत्रण देने जैसा : सिविल सर्जन
– कैंसर बीमारी होने की सबसे बड़ी वजह है तम्बाकू का उपयोग : गैर संचारी रोग पदाधिकारी
– तम्बाकू निषेधन के लिए सरकार द्वारा तय किया गया है कोटपा कानून
श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जीवन में कभी भी तम्बाकू का उपयोग न करने के लिए शपथ ग्रहण किया गया। इस दौरान सभी स्वास्थ्य कर्मियों ने कसम खायी कि पूरे जीवन काल में उनके द्वारा न तो तम्बाकू का सेवन किया जाएगा और न ही किसी अन्य लोगों को इसके लिए उत्साहित करेंगे। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के एएनएम स्कूल में जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल द्वारा विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर उपस्थित स्वास्थ्य कर्मियों का शपथ ग्रहण करने करवाने के साथ ही विभिन्न प्रखंडों से आए स्टाफ व नर्स को गैर संचारी रोग गतिविधियों की रिपोर्टिंग ऑनलाइन सब्मिट करने की ट्रेनिंग दी गई। आयोजित कार्यक्रम में जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल के साथ ही जिला एनसीडी वित्तीय सलाहकार केशव कुमार, डीपीसी निशि कुमारी, साइकोलॉजिस्ट धीरेंद्र कुमार, डब्ल्यूएचओ से हिमांशु नारायण लाल, जापाइगो से कार्यक्रम अधिकारी विनय कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
तम्बाकू का इस्तेमाल गंभीर बीमारियों को निमंत्रण देने जैसा : सिविल सर्जन
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ. एस. के. वर्मा ने बताया कि विश्वभर में लोगों को होने वाली गंभीर बीमारियों की मुख्य वजह तम्बाकू का सेवन है। तम्बाकू सेवन के प्रति आजकल के लोगों के साथ छोटे उम्र के बच्चों में भी रुचि बढ़ती देखी जा रही है। तम्बाकू का सेवन गंभीर बीमारियों को निमंत्रण देना है जिसमें कैंसर मुख्य बीमारी है। इसकी जानकारी लोगों तक पहुँचाने के लिए हर साल 31 मई को पूरे विश्व में तम्बाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को तम्बाकू सेवन से रोकने और इसके लिए सरकार द्वारा बनाए गए कानून “कोटपा” की जानकारी पहुँचाना है।
कैंसर बीमारी होने की सबसे बड़ी वजह है तम्बाकू का उपयोग : गैर संचारी रोग पदाधिकारी
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल ने बताया कि तम्बाकू सेवन बहुत सी नुकसानदायक बीमारियों की जड़ है। कैंसर जैसी बीमारी भी तम्बाकू के सेवन से ही होती है। फेफड़ों की बीमारियां जैसे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस व एम्फिसेमा होने की मुख्य वजह धूम्रपान ही है। क्रोनिक यानी लम्बे समय तक धूम्रपान करने से फेफड़े एवं सांस की नली के कैंसर होने की सम्भावना ज्यादा होती है। दुनिया में कैंसर से होने वाली मौतों में फेफड़े के कैंसर के मरीजों की संख्या ज्यादा है। जिसकी मुख्य वजह अत्यधिक धूम्रपान का करना ही होता है। खैनी, पुड़िया, जर्दा, पीला पत्ती आदि के सेवन से मुंह का कैंसर(ओरल कैंसर) की संभावना बनी रहती है। इन सभी तरह की रोगों को पूरी तरह समाप्त करने के लिए धूम्रपान का खत्म होना ही सबसे जरूरी विकल्प है।
तम्बाकू निषेधन के लिए सरकार द्वारा तय किया गया है कोटपा कानून :
जिला गैर संचारी रोग के वित्तीय प्रबंधक केशव कुमार ने बताया तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए सरकार द्वारा कानून बनाया गया है। इसके लिए तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम “कोटपा” लागू किया गया है। कोटपा के तहत तम्बाकू के गलत इस्तेमाल करते हुए पकड़े जाने पर लोगों को धारा 4, 5, 6 तथा 7 के तहत कानूनी कार्यवाही व आर्थिक दंड वसूला जा सकता है।
तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा) के तहत तय किया गया कानून :
• सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये का जुर्माना देय है (धारा – 4).
• तम्बाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विज्ञापन पर 1 से 5 साल की कैद व 1000 से 5000 तक का जुर्माना देय है (धारा- 5).
• 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अवयस्कों को तम्बाकू पदार्थ बेचने वालों को 200 रुपये जुर्माना लगाया जाता है (धारा- 6).
• बिना चित्रित व पैकेट के 85% भाग पर मुख्य रूप से न छपे वैधानिक चेतावनी के तम्बाकू पदार्थ बेचने पर 2 से 5 साल की कैद व 1000 से 10000 तक जुर्माना लगाया जा सकता है (धारा- 7)।
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