विश्व फ़ोटोग्राफ़ी दिवस: युवाओं ने दिया अद्भुत स्रिज्नात्मक्ता और संवेदनशीलता का परिचय
एमिटी यूनिवर्सिटी पटना और यूनिसेफ ने ‘मैं भी रिपोर्टर’ का आयोजन किया
श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):
एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, एमिटी यूनिवर्सिटी पटना ने यूनिसेफ बिहार के सहयोग से 18 और 19 अगस्त, 2021 को दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर की वीडियो मेकिंग और फोटोग्राफी प्रतियोगिता ‘मैं भी रिपोर्टर’ का आयोजन किया। एमिटी यूनिवर्सिटी पटना हर साल 19 अगस्त, जिसे विश्व फोटोग्राफी के रूप में भी मनाया जाता है, पर एमिक्लिक्स का भी आयोजन करती है, जिसे इस साल भी किया गया.
इस आयोजन का मुख्य विषय बच्चों के अधिकारों को बढ़ावा देना और महिला सशक्तिकरण को मजबूत करना था, जहाँ 9वीं से 12वीं कक्षा, स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्रों को एक मंच दिया गया, जिसका उपयोग कर छात्रों ने दो अलग-अलग श्रेणियों – स्वतंत्र भारत में महिला और बाल अधिकार और सामान्य, में निर्मित वीडियो और तस्वीरों का प्रदर्शन किया।
यह कार्यक्रम कोविड-19 सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल के कारण एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हुआ, जिसमें दुनिया भर के 150 से अधिक कॉलेजों और स्कूलों से 500+ पंजीकरण हुए। यहां भी नारी शक्ति का उदय हुआ, जहां 70% से अधिक प्रतिभागी और प्रविष्टियां छात्राओं की थीं। छात्रों ने इस प्रतियोगिता का उपयोग बाल अधिकार, महिला अधिकारिता, समानता, कोविड -19 टीकाकरण, और बहुत कुछ विषयों पर अद्भुत तस्वीरैं और वीडियो दिखाने के लिए किया।
पटना विश्वविद्यालय, पटना महिला कॉलेज, दिल्ली स्कूल ऑफ फोटोग्राफी, सेंट जेवियर्स कॉलेज, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, अमेरिकन स्कूल ऑफ धहरान, सऊदी अरब और अन्य कॉलेज के कई छात्रों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया, जहाँ वीडियो और तस्वीरों की श्रेणी में कुल 8 पुरस्कार दिए गए. विजेताओं का चुनाव सम्मानित जूरी सदस्यों द्वारा किया गया, जो उद्योग जगत के विभिन्न क्षेत्रों से आए थे. जूरी मेंबर्स ने विजेता का चयन करने से पहले प्रत्येक प्रविष्टि को बारीकी से देखा. सभी प्रतिभागियों को पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट भी दिए गए. वीडियो सेगमेंट में विजेता हैं- शाम्भवी राव, प्रियास्वरा भारती, सूर्यकांत कुमार और नेहा जैन। फोटोग्राफी सेगमेंट में विजेता हैं साकेत कुमार, संस्कार केशरी, तैयबा सिद्दीकी और अतुल अंकित प्रकाश हैं।
एमिटी यूनिवर्सिटी पटना के कुलपति डॉ. टी.आर. वेंकटेश ने कहा कि इस ऑनलाइन आयोजन के पीछे का मकसद छात्रों को बाल अधिकार और महिला समानता के संदेश को बढ़ावा देने के लिए एक मंच का निर्माण था. एमिटी यूनिवर्सिटी पटना के प्रतिकुलपति डॉ विवेकानंद पांडे ने बताया कि एमिटी यूनिवर्सिटी पटना और यूनिसेफ लंबे समय से एक साथ काम कर रहे हैं और यह विशेष आयोजन उभरते पत्रकारों और फोटोग्राफरों को विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण टिप्स और ट्रिक्स देना था.
अपने संबोधन में, नफीसा बिंते शफीक, प्रमुख, यूनिसेफ बिहार ने बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा, समानता और सशक्तिकरण के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया, जहां उन्होंने बताया कि यूनिसेफ सरकारी एजेंसियों और शिक्षा, मीडिया और युवा लोगों सहित प्रमुख हितधारकों के साथ काम कर रहा है, जहाँ हमारा ध्यान सबसे हाशिए समूहों पर ध्यान केंद्रित करते हुए बच्चों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देना और उनकी रक्षा करना है.
निपुण गुप्ता, संचार विशेषज्ञ, यूनिसेफ बिहार, ने बताया कि यह पहल हमें किशोर लड़कियों और लड़कों की आंखों/दृष्टिकोण से दुनिया को देखने में मदद करेगी, विशेष रूप से वे बच्चों, महिलाओं के अधिकारों और Covid19 के प्रभाव को कैसे देखते हैं। उन्होंने बताया कि हम सभी सरकारी एजेंसियों को बाल श्रम की अवैध प्रथा की रिपोर्ट करने में मदद करके रिपोर्टर बन सकते हैं।
श्वेता प्रिया, प्रोग्राम लीडर, एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, एमिटी यूनिवर्सिटी पटना ने जूरी सदस्यों- प्रशांत रवि, सुमन श्रीवास्तव, प्रो. जयप्रकाश विश्वकर्मा, प्रो. रुचि शुक्ला, प्रशांत रंजन को उनके बहुमूल्य समय और मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दिया।
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