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विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज- तंबाकू सेवन करने मात्र से कई बीमारियों का होता है जन्म: डॉ मिहिरकान्त झा - श्रीनारद मीडिया

विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज- तंबाकू सेवन करने मात्र से कई बीमारियों का होता है जन्म: डॉ मिहिरकान्त झा

विश्व तंबाकू निषेध दिवस आज- तंबाकू सेवन करने मात्र से कई बीमारियों का होता है जन्म: डॉ मिहिरकान्त झा

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कैंसर का ख़तरा युवा वर्ग में अत्यधिक, एहतियात के तौर पर बचाव जरूरी: सिविल सर्जन

कैंसर के परिणामों को खराब करने में अत्यधिक धूम्रपान की महत्वपूर्ण भूमिका: डॉ वीपी अग्रवाल

धूम्रपान से 18 प्रकार के कैंसर का बढ़ जाता है खतरा: डॉ विजयालक्ष्मी

श्रीनारद मीडिया, पूर्णिया, (बिहार):

“हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नहीं” थीम को लेकर बुधवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाएगा। जिसको लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता रैली, बैनर, पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा। ओपीडी में विशेष रूप से कैंसर की स्क्रीनिंग की जाएगी। जिसमें मुंह, दांत एवं ओरल कैंसर को शामिल किया गया है। शिक्षा विभाग के द्वारा ज़िले के सभी विद्यालयों में कक्षा छह से 12 वीं तक के बच्चों को इसके हानिकारक एवं दुष्प्रभाव से अवगत कराने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

 

कैंसर का ख़तरा युवा वर्ग में अत्यधिक, एहतियात के तौर पर बचाव जरूरी: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी का कहना है कि
आजकल के युवा वर्ग में ख़ासकर तंबाकू का उपयोग, विशेष रूप से धूम्रपान जैसे- बीड़ी, सिगरेट, गांजा या अन्य प्रकार के सेवन करना कैंसर का एक प्रमुख कारण है। जिसमें फेफड़े, गले, दांत, अग्न्याशय, मूत्राशय, गुर्दे और सर्वाइकल कैंसर मुख्य रूप से शामिल हैं। क्योंकि तंबाकू में विभिन्न उत्पादों द्वारा निकोटीन और प्रणालीगत निकोटिनिक एसिटाइलकोलाइन रिसेप्टर्स की सक्रियता सेल अस्तित्व के रास्ते को ट्रिगर कर सकती है जो उत्परिवर्तित कोशिकाओं की मृत्यु को रोकती है। आंकड़े की बात करें तो तंबाकू सेवन करने वाली महिला या पुरुषों में टीबी होने का खतरा 3 गुना ज्यादा होता है। टीबी से होने वाली मृत्यु भी 3 से 4 गुना अधिक होती है। तंबाकू सेवन से कैंसर के साथ ही टीबी की बीमारी होने की संभावना ज्यादा रहती हैं।

 

कैंसर के परिणामों को खराब करने में अत्यधिक धूम्रपान की महत्वपूर्ण भूमिका: डॉ वीपी अग्रवाल
गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ विष्णु प्रसाद अग्रवाल ने बताया कि धूम्रपान न केवल कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ाता है, बल्कि यह कैंसर के परिणामों को भी खराब करता। अमूमन ऐसा देखा गया है कि कैंसर के रोगी जो धूम्रपान कर रहे हैं या कर रहे थे, उनमें चिकित्सीय प्रतिक्रियाओं में कमी, कैंसर की पुनरावृत्ति में वृद्धि और कैंसर के उपचार की जटिलताओं में वृद्धि की संभावना थी। जिसमें घाव भरने, संक्रमण, हृदय संबंधी जटिलताओं और विकास के साथ समस्याएं शामिल थीं।

 

तंबाकू सेवन करने मात्र से कई बीमारियों का होता है जन्म: डॉ मिहिरकान्त झा
ज़िला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ मिहिरकान्त झा ने बताया टीबी बीमारी से ग्रसित महिला या पुरुषों के लिए तंबाकू सेवन और भी अधिक खतरनाक साबित हो जाता है। तंबाकू का इस्तेमाल हृदय रोग, ओरल कैंसर एवं फेफड़े की पुरानी से पुरानी जटिल और मधुमेह बीमारी को जन्म देता है। तंबाकू का उपयोग संक्रामक रोगों जैसे- टीबी और श्वसन से संबंधित बीमारियों के लिए भी खतरा भरा रहता है। धूम्रपान टीबी रोग पैदा करने वाले माइकोबैक्टेरियम से लड़ने में रोगियों की प्रतिरक्षा प्रणाली को काफ़ी हद तक कमजोर बना देता है। धूम्रपान करने वाले में टीबी की व्यापकता धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में तीन गुना अधिक होती है। इसके अलावा सिगरेट, बीड़ी, पान या मसाला आदि भी प्लमोनरी संक्रमण के जोखिम को बढ़ा देता है।

 

धूम्रपान से 18 प्रकार के कैंसर का बढ़ जाता है खतरा: डॉ विजया लक्ष्मी
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल के कैंसर विभाग की जिला तकनीकी अधिकारी डॉ विजया लक्ष्मी गुप्ता ने बताया कि फेफड़े, दांत या मुंह का कैंसर धूम्रपान का मुख्य कारण है तो पुरुषों और महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौत का प्रमुख कारण भी माना गया है। धूम्रपान से 18 प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। जिसमें सिर और गर्दन के कैंसर, ल्यूकेमिया और अन्नप्रणाली, मूत्राशय, अग्न्याशय, गुर्दे, यकृत, पेट, कोलोरेक्टम, गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय और अंडाशय के कैंसर शामिल हैं। कैंसर पर धूम्रपान का प्रभाव काफी पड़ता है। क्योंकि विभिन्न प्रकार के कैंसर से होने वाली मौतों में से कम से कम 30 प्रतिशत और फेफड़ों के कैंसर से होने वाली मौतों में से 80 प्रतिशत के लिए धूम्रपान जिम्मेदार है।

 

तंबाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा) के तहत कानूनी प्रावधान:

सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने पर 200 रुपये का जुर्माना देय है।

तंबाकू पदार्थों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से विज्ञापन पर 01 से 05 वर्ष तक की कैद एवं 1000 से 5000 रुपए तक का जुर्माना देय है।

18 वर्ष से कम आयु वर्ग के अवयस्कों को तंबाकू पदार्थ बेचने पर 200 रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।

बिना चित्रित या पैकेट के 85% भाग पर मुख्य रूप से न छपे वैधानिक चेतावनी के तंबाकू पदार्थ बेचने के जुर्म में 2 से 5 साल की कैद और 1000 से 10000 तक जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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