रेसलर विनेश फोगाट रेलवे की नौकरी छोड़ कांग्रेस में हुई शामिल
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारतीय महिला रेसलर विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) ने कुछ घंटे पहले रेलवे की नौकरी छोड़ी और कांग्रेस का दामन थाम लिया है. खबर है कि विनेश हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर राजनीतिक पारी शुरू कर सकती हैं. विनेश फोगाट के साथ बजरंग पुनिया भी कांग्रेस में शामिल होने वाले हैं.
कांग्रेस की सदस्यता लेने से पहले विनेश फोगाट ने रेलवे की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया है, विनेश फोगाट उत्तर रेलवे में OSD की पद पर तैनात थीं. विनेश ने इसकी घोषणा करते हुए बताया कि रेलवे की सेवा जीवन का सबसे यादगार और गौरवपूर्ण समय रहा है. उन्होंने त्यागपत्र में लिखा, ‘मैं रेलवे परिवार की हमेशा आभारी रहूंगी.’ इस पद पर रहते हुए विनेश फोगाट की सैलरी मंथली 1 लाख रुपये से ज्यादा थी.
विनेश फोगाट की इंस्टाग्राम में करीब 1.1 मिलियन फॉलोआर्स हैं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंस्टा पर एक पोस्ट या रील के लिए विनेश 2 से 3 लाख रुपये लेती हैं, लेकिन जिस कदर से अब इनकी पॉपुलरिटी बढ़ी है, उस हिसाब से अब एक इंस्टा पोस्ट और रील के लिए चार्ज बढ़कर 10 लाख रुपये तक हो सकती है. इसके अलावा पेरिस ओलंपिक के बाद विनेश को तोहफे में जमीन समेत कई कीमती चीजें मिली हैं.
लोकप्रियता में जोरदार उछाल
पेरिस ओलंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले विनेश फोगाट और अन्य भारतीय एथलीटों को पैकेज्ड फूड, हेल्थ, न्यूट्रिशन, ज्वैलरी, बैंकिंग और एजुकेशन जैसी कैटेगरी में ब्रांड का चेहरा बनाने की होड़ मची हुई है. फोगाट की एंडोर्समेंट फीस 25 लाख से बढ़कर 1 करोड़ रुपये हो चुकी है.
विनेश फोगाट ने ओलंपिक की शुरुआत से पहले NIKE स्पोर्ट्सवियर और Country Delight डेयरी का विज्ञापन किया था. मासिक वेतन का एक बड़ा हिस्सा युवा मामले और खेल मंत्रालय से आता है, जो सालाना करीब 6 लाख रुपये है. इसके अलावा विनेश बेसलाइन वेंचर्स और कॉर्नरस्टोन स्पोर्ट जैसी कंपनियों की ब्रांड एंबेसडर के रूप में भी अच्छी खासी कमाई करती हैं.
पेरिस ओलंपिक विनेश फोगाट का सिल्वर मेडल पक्का हो गया था, और गोल्ड के लिए मैदान में उतरने वाली थीं, लेकिन 50 किलोग्राम वजन सीमा से 100 ग्राम अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित करार दे दिया गया, जिससे वह ओलंपिक में पदक की दौड़ से ही बाहर हो गईं.
विनेश फोगट का जन्म 25 अगस्त 1994 को हरियाणा के चरखी दादरी में हुआ था. अपने पिता राजपाल फोगट की मृत्यु के बाद, उन्हें उनके चाचा महावीर सिंह फोगाट ने पाला-पोशा और उन्हें कुश्ती की ट्रेनिंग दी. विनेश ने 2018 में कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीते और भारतीय कुश्ती में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कराया. उनके योगदान के लिए उन्हें 2020 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न, 2016 में अर्जुन पुरस्कार और 2018 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
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