TN राज्यपाल आरएन रवि के आदेश को लेकर मद्रास हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर,क्यों?

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पहले एक कदम आगे फिर दो कदम पीछे हुए तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने के कारण राज्य में राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच, सामाजिक कार्यकर्ता, वकील और देसिया मक्कल शक्ति काची के अध्यक्ष एमएल रवि ने राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की है।

सेंथिल बालाजी को किया था बर्खास्त

उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि ने तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी को नौकरी के बदले नकदी घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद मंत्रिपरिषद से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद स्टालिन ने कहा था कि सरकार इसे कानूनी रूप से चुनौती देगी।

राज्यपाल का यू-टर्न

हालांकि, बाद में राज्यपाल ने अपने फैसले से यू-टर्न लेकर बालाजी की बर्खास्तगी पर रोक लगा दी। राज्यपाल ने बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के आदेश को फिलहाल स्थगित रखने का फैसला किया और इस बारे में मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को भी सूचित किया। सीएम को देर रात भेजे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि वह इस कदम को लेकर अटॉर्नी जनरल से विचार-विमर्श करेंगे और उनसे कानूनी सलाह लेंगे।

बालाजी पर क्या है आरोप

तमिलनाडु के बिजली मंत्री सेंथिल बालाजी को 14 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नौकरी के बदले नकदी घोटाले मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में वह अभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।उनके खिलाफ एंटी करप्‍शन एक्‍ट और भारतीय दंडसंहिता के तहत कुछ अन्‍य आपराधिक मामले दर्ज किए गए है। राज्य पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है।

स्टालिन ने गवर्नर को लिखी चिट्ठी

विवाद के बीच शुक्रवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल आर एन रवि को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि राज्यपाल के पास उनके मंत्री को बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने लिखा, मैं दोहराता हूं कि आपके पास मेरे मंत्रियों को बर्खास्त करने का कोई अधिकार नहीं है. ये एकमात्र निर्वाचित मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. मेरी सलाह के बिना मेरे मंत्री को बर्खास्त करने वाला आपका असंवैधानिक संचार गैर-कानूनी और अमान्य है.

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