वक्फ बोर्डों को लेकर आप मुसलमानों के दुश्मन है- असदुद्दीन ओवैसी
वक्फ बोर्ड पर कुछ माफियाओं का कब्जा- किरेन रिजिजू
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया जाना संविधान के मूल ढांचे पर “गंभीर हमला” है। यह न्यायिक स्वतंत्रता और शक्तियों के पृथक्करण के सिद्धांत का उल्लंघन करता है। सदन के पास संशोधन करने की क्षमता नहीं है। वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है।
सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को दे रहे हैं, मुझे यकीन है कि आप बिल्किस बानो और जाकिया जाफरी को मेंबर बनाएंगे? आप मुसलमानों के दुश्मन हैं, ये बिल इसका प्रमाण है,विधेयक पेश होने से पहले हमने नियम 72 के तहत स्पीकर को नोटिस भेजा था कि हम इस विधेयक के पेश होने के खिलाफ हैं। हमारा मानना है कि यह विधेयक अनुच्छेद 14, 15 और 25 के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
यह विधेयक संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है। यह खास तौर पर न्यायिक स्वतंत्रता और शक्तियों के विभाजन का उल्लंघन करता है। आप उन मस्जिदों को छीनना चाहते हैं जिन पर आरएसएस का दावा है, उन दरगाहों को छीनना चाहते हैं जिन पर दक्षिणपंथी हिंदुत्ववादी संगठन दावा कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि इसमें कई धाराएं ऐसी हैं जो खतरनाक हैं। वे वक्फ बोर्ड के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि इसे खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके सारे तर्क झूठे हैं। यह कानून नहीं है, बल्कि वक्फ को ध्वस्त करने और मुसलमानों को खत्म करने का एक तरीका है।
वक्फ बोर्ड पर कुछ माफियाओं का कब्जा- किरेन रिजिजू
धार्मिक स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है तथा संविधान के किसी भी अनुच्छेद का उल्लंघन नहीं किया गया है। उन्होंने दावा किया कि वक्फ अधिनियम 1995 अपने उद्देश्य की पूर्ति में सफल नहीं रहा, हम कांग्रेस को बताना चाहते हैं कि ये संशोधन उन कार्यों को पूरा करने के लिए लाए जा रहे हैं जो आप नहीं कर सके। संयुक्त संसदीय समिति ने सिफारिश की थी कि वक्फ अधिनियम 1995 का फिर से अध्ययन होना चाहिए, विपक्ष राजनीति के लिए इसका विरोध कर रहा है।
इस विधेयक से किसी भी धार्मिक संस्था की स्वतंत्रता में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा। किसी के अधिकार छीनने की बात तो भूल ही जाइए, यह विधेयक उन लोगों को अधिकार देने के लिए लाया गया है जिन्हें कभी अधिकार नहीं मिले। उन्होंने कहा कि आज जो विधेयक लाया जा रहा है, वह सच्चर समिति की रिपोर्ट (जिसमें सुधार की बात कही गई थी) पर आधारित है, जिसे आपने (कांग्रेस ने) बनाया था। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे (विपक्ष) मुसलमानों को गुमराह कर रहे हैं।
विपक्ष वक्फ संशोधन विधेयक की मंशा के बारे में भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है, कोई कानून संविधान से ऊपर नहीं हो सकता लेकिन 1995 के वक्फ कानून में ऐसे कुछ प्रावधान हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक गहन परामर्श के बाद लाया गया। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि वक्फ बोर्ड पर माफिया का कब्जा है और यह किसी भी धार्मिक निकाय की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप नहीं करता है।
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