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आप बार-बार माफी मांग कर कार्रवाई से नहीं बच सकते- सुप्रीम कोर्ट - श्रीनारद मीडिया

आप बार-बार माफी मांग कर कार्रवाई से नहीं बच सकते- सुप्रीम कोर्ट

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री व उनके पिता के नाम को लेकर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री व उनके पिता के नाम को लेकर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा.

दरअसल, पवन खेड़ा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज FIR को रद्द करने से इनकार कर दिया था. पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पवन खेड़ा के खिलाफ हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. मुंबई में 17 फरवरी 2023 को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पवन खेड़ा ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी.

पवन खेड़ा के बयान पर मचा था बवाल
दरअसल, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा नाम बोलते हुए उनके पिता का गलत नाम बोल दिया था. हालांकि, उन्होंने गलती सुधारी भी, मगर बाद में फिर से गलत नाम लिया और तंज कस दिया था. उस वक्त पवन खेड़ा के बयान पर खूब बवाल मचा था. इस विवादित बयान को लेकर बीजेपी ने हमला बोला था और बीजेपी ने कहा था कि जिस तरीके से कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के पिता का मजाक उड़ाया है, वो निंदनीय है. पवन खेड़ा ने उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह से जुड़े विवाद को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए यह बयान दिया था.

एयरपोर्ट पर हुई थी पवन खेड़ा की गिरफ्तारी
पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस प्रवक्‍ता पवन खेड़ा पिछले साल मुसीबत में फंस गए थे. पवन खेड़ा के खिलाफ उत्‍तर प्रदेश में दो और असम में एक एफआईआर दर्ज हुईं. पिछलेल साल फरवरी महीने में पवन खेड़ा के इस आपत्तिजनक बयान की वजह से कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को जयपुर रवाना होते वक्त दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान में चढ़ने से उतारने के बाद असम पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. असम पुलिस के मुताबिक, असम के दीमा हसाओ ज़िले के हाफलोंग थाने में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और मामले के सिलसिले में पवन खेड़ा की रिमांड लेने के लिए असम पुलिस की एक टीम दिल्ली रवाना हुई थी.

मामले का करना होगा सामना

दरअसल खेड़ा ने पीएम मोदी और उनके पिता के नाम पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसपर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामले को रद्द कराने के लिए पवन खेड़ा ने इलाहाबाद हाई कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था, लेकिन वहां भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद खेड़ा को मामले का सामना करना पड़ेगा।

ये था पूरा मामला

पवन खेड़ा ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी का पूरा नाम बोलते हुए उनके पिता का गलत नाम बोल दिया था। इसके बाद उन्होंने गलती सुधारी, लेकिन बाद में फिर से गलत नाम लेकर तंज भी कसा। इसके बाद भाजपा ने खेड़ा के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और माफी की मांग भी की।

सुप्रीम कोर्ट ने पवन खेड़ा को भेजा था हाईकोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पवन खेड़ा एफआईआर रद्द करने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट जा सकते हैं. गत साल 17 अगस्त को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खेड़ा की याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि मामले के जांच अधिकारी द्वारा एकत्र किए गए सबूतों का मूल्यांकन मामले को रद्द करने के लिए आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 482 के तहत दायर याचिका में नहीं किया जा सकता है. उच्च न्यायालय ने यह टिप्पणी भी की थी कि शीर्ष अदालत ने खेड़ा को सभी विवाद लखनऊ की न्यायिक अदालत के समक्ष उठाने के लिए कहा था, इसलिए यह उचित होगा कि वह अपनी सभी शिकायतें उक्त अदालत के समक्ष उठाएं

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