भारी बहुमत से होगी आपकी जीत, अन्य लोगों का भी मिलेगा वोट : नीतीश कुमार
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार घोषित होने के बाद पहली बार पटना पहुंची द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को बिहार, झारखंड और ओड़िशा के बीच खून और हवा के रिश्ते का हवाला देते हुए एनडीए दलों से राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन मांगा. उन्होंने कहा कि झारखंड मेरा दादी घर है, तो बिहार पैतृक राज्य. इस रिश्ते को भुलाया नहीं जा सकता.
वे स्थानीय होटल में एनडीए दलों भाजपा, जदयू, राष्ट्रीय लोजपा और हम नेताओं के साथ बैठक कर रही थीं. इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, दोनों उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, राष्ट्रीय लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस, प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज और हम के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहित एनडीए दलों के कई मंत्री, विधायक, विधान पार्षद आदि मौजूद रहे.
बिहार, झारखंड, ओड़िशा से खून-हवा का संबंध
बैठक में एनडीए नेताओं को संबोधित करते हुए श्रीमती मुर्मू ने कहा कि भले ही देश में अब तक हुए राष्ट्रपति की तरह उनकी छवि न हो, लेकिन अपने अनुभव और सामर्थ्य के हिसाब से बेहतर करने का प्रयास करूंगी. उन्होंने कहा कि पिछड़ा क्षेत्र से होने की वजह से लोगों को उनको लेकर आशंकाएं हैं. लेकिन, विश्वास दिलाना चाहती हूं कि मेरे पास पार्षद से लेकर विधायक, मंत्री और राज्यपाल के रूप में जो लंबा अनुभव रहा है. उसकी बदौलत संवैधानिक व्यवस्था का बेहतर ढंग से निर्वहन करने का पूरा प्रयास करूंगी. कहा कि उनके आगे-पीछे कोई नहीं है. देश ही सबकुछ है.
भारी बहुमत से होगी जीत, अन्य लोगों का भी मिलेगा वोट : नीतीश कुमार
इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनको भारी बहुमत से जीत का भरोसा दिलाते हुए कहा कि आप को एनडीए के साथ अन्य लोगों का भी वोट मिलेगा. आपकी उम्र भी कम है. आप राष्ट्रपति पद पर अच्छा काम करेंगी. उन्होंने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार के थे. डॉ जाकिर हुसैन बिहार के राज्यपाल के बाद उप राष्ट्रपति और फिर राष्ट्रपति बने. रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल होने के बाद देश के राष्ट्रपति हुए और अब द्रौपदी मुर्मू का भी बिहार से रिश्ता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ओड़िशा, बिहार, झारखंड एक ही था, इसलिए बिहार के लोगों को अधिक खुशी है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विशेष धन्यवाद देते हुए कहा कि अनुसूचित जाति के बाद उन्होंने अनुसूचित जनजाति समाज से आने वाले व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया.